- वर्ष 1991 के बाद से भारत में गठबंधन सरकारें देखने को मिली हैं, जहाँ अग्रणी पार्टियाँ बहुमत के आँकड़े यानि 272 सीटें प्राप्त करने से काफी दूर रही हैं।
- गठबंधन सरकारों ने भारत के इतिहास में कुछ सबसे साहसिक आर्थिक सुधार लागू किये हैं।
पिछली गठबंधन सरकारों द्वारा किये गए उल्लेखनीय सुधार:-
- पी. वी. नरसिम्हा राव सरकार (1991-1996):-
- आर्थिक उदारीकरण (LPG सुधार): इस सरकार में लाइसेंस-परमिट राज को हटाकर अर्थव्यवस्था को उदार बनाया गया तथा वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा को अपनाया गया।
- विश्व व्यापार संगठन की सदस्यता: भारत विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation) का सदस्य बन गया, जिससे वह वैश्विक अर्थव्यवस्था में और अधिक गहनता से एकीकृत हो गया।
- देवेगौड़ा सरकार (जून 1996-अप्रैल 1997):-
- ड्रीम बजट: इन्हें वित्त मंत्री के तौर पर कर दरों को कम करने तथा करदाताओं एवं व्यवसायिकों के लिये अधिक अनुकूल आर्थिक माहौल को बढ़ावा देने के लिये जाना जाता था।
- अटल बिहारी वाजपेयी सरकार (मार्च 1998-मई 2004):-
- राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (Fiscal Responsibility & Budget Management- FRBM) अधिनियम: सरकारी उधारी को सीमित करके राजकोषीय अनुशासन लागू किया गया।
- विनिवेश और बुनियादी ढाँचा: घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश पर ज़ोर दिया गया तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढाँचे में सुधार किया गया।
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000: भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र के तेज़ी से विकास के लिये आधार तैयार किया गया।
- मनमोहन सिंह सरकार (2004-2014):-
- अधिकार-आधारित सुधार: शिक्षा का अधिकार अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम, भोजन का अधिकार और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MG-NREGA) जैसे विभिन्न सुधारात्मक उपाय लाए गए।
- आर्थिक विनियमन: ईंधन की कीमतों को विनियमन मुक्त किया गया, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण आरंभ किया गया तथा आधार (Aadhaar) और GST प्रणालियों पर कार्य किया गया।
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