राष्ट्रीय एकता परिषद का पुनर्गठन :-
अयोध्या मामले पर आने वाले फैसले की पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) के पुनर्गठन को प्रमुखता मिली है।
राष्ट्रीय एकता परिषद:-
- यह एक संविधानेतर निकाय है।
- अध्यक्षता: भारत के प्रधान मंत्री।
- संरचना: परिषद के सदस्यों में कैबिनेट मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, राजनीतिक नेता, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आयुक्त , उद्योग, व्यापार और ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- पृष्ठभूमि: एनआईसी का गठन सांप्रदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाषावाद की बुराइयों से निपटने के लिए 1961 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के अनुवर्ती के रूप में किया गया था।
- परिषद का मुख्य कार्य राष्ट्रीय एकीकरण की समस्या की सभी पहलुओं से जांच करना तथा इससे निपटने के लिए आवश्यक सिफारिशें करना है।
- बैठकें: 2019 तक एनआईसी की सोलह बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।
- NIC की पहली बैठक 1962 में हुई थी ।
- एनआईसी की अंतिम बैठक सितम्बर 2013 में हुई थी, जिसमें अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों पर अत्याचार की निंदा करके सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने और भेदभाव समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया था ।
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