गठबंधन पर पुंछी और सरकारिया आयोग की सिफारिशें:-
- पुंछी आयोग की संस्तुति: पुंछी आयोग ने स्पष्ट नियम स्थापित किये कि राज्यपालों को त्रिशंकु विधानसभाओं में मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति कैसे करनी चाहिये। ये दिशा-निर्देश राष्ट्रपति के लिये भी लागू हैं:
- जिस पार्टी या पार्टियों के गठबंधन को विधानसभा में व्यापक समर्थन प्राप्त हो, उसे सरकार बनाने के लिये आमंत्रित किया जाना चाहिये।
- यदि कोई चुनाव पूर्व समझौता या गठबंधन पर आधारित है, तो उसे एक राजनीतिक दल माना जाना चाहिये और यदि ऐसे गठबंधन को बहुमत प्राप्त होता है, तो ऐसे गठबंधन के नेता को राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिये बुलाया जाएगा।
- यदि किसी भी पार्टी या चुनाव पूर्व गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो राज्यपाल को यहाँ दर्शाए गए वरीयता क्रम के आधार पर मुख्यमंत्री का चयन करना चाहिये।
- चुनाव पूर्व गठबंधन करने वाले दलों का समूह सबसे अधिक सीटें जीतता है।
- सबसे बड़ी पार्टी द्वारा अन्य दलों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा।
- चुनाव के बाद का गठबंधन जिसमें सभी सहयोगी सरकार में शामिल होंगे।
- चुनाव-पश्चात् गठबंधन जिसमें कुछ दल सरकार में शामिल होंगे तथा शेष दल निर्दलीय होंगे, जो सरकार को बाह्य समर्थन प्रदान करेंगे।
- सरकारिया आयोग ने पाया था कि भारतीय संघवाद में समस्याएँ केंद्र और राज्यों के बीच परामर्श तथा संवाद की कमी के कारण उत्पन्न होती हैं।
- यह पाया गया कि अंतर-राज्यीय परिषद ने तब कार्य किया जब राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की प्रमुख भूमिका थी। यह गठबंधन सरकार की भूमिका को दर्शाता है जिसमें क्षेत्रीय दलों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
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