राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों को मान्यता:-
- निर्वाचन आयोग, निर्वाचन के प्रयोजनों हेतु राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है, और उनकी चुनाव निष्पादनता के आधार पर उन्हें राष्ट्रीय या राज्यस्तरीय दलों के रूप में मान्यता देता है अन्य दलों को केवल पंजीकृत-गैर मान्यता प्राप्त दल घोषित किया जाता है ।
- आयोग द्वारा दलों को प्रदान की गई मान्यता उनके लिए कुछ विशेषाधिकारों के अधिकार का निर्धारण करती है, जैसे-चुनाव चिन्ह का आवंटन, राज्य नियंत्रित टेलीविजन और रेडियो स्टेशनों पर राजनीतिक प्रसारण हेतु समय का उपबंध और निर्वाचन सूचियों को प्राप्त करने की सुविधा।
- प्रत्येक राष्ट्रीय दल को एक चुनाव चिन्ह प्रदान किया जाता है जो सम्पूर्ण देश में विशिष्ट : उसी के लिए आरक्षित होता है। दूसरी ओर, कोई पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दल शेष चुनाव चिन्हों की सूची में से चिन्ह का चुनाव कर सकता है । दूसरे शब्दों में आयोग कुछ चिन्हों को आरक्षित चिन्हों, के रूप में निर्धारित करता है, जो मान्यता प्राप्त दलों के अभ्यर्थियों हेतु होते हैं और अन्य शेष चिन्ह, अन्य अभ्यर्थियों हेतु होते है ।
राष्ट्रीय दलों के रूप में मान्यता के लिये दशायें:-
वर्तमान में (2009), एक दल को राष्ट्रीय दल के रूप में तब मान्यता दी जाती है, जब वह निम्नलिखित अर्हताएं पूर्ण करता हो-
- यदि वह लोकसभा अथवा विधानसभा के आम चुनावों में चार अथवा अधिक राज्यों में वैध मतों का छह प्रतिशत मत प्राप्त करता है तथा इसके साथ वह किसी राज्य या राज्यों से लोकसभा में 4 सीट प्राप्त करता है ।
- कोई दल राष्ट्रीय दल की मान्यता प्राप्त करता है यदि वह लोकसभा में दो प्रतिशत स्थान जीतता है तथा ये सदस्य तीन विभिन्न राज्यों से चुने जाते हैं।
- यदि कोई दल कम से कम चार राज्यों में राज्यस्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त हो।
राज्यस्तरीय दलों की मान्यता के लिए दशायें:-
वर्तमान में (2009), एक दल को राज्यस्तरीय दल के रूप में तब मान्यता दी जाती है, जब वह निम्नलिखित अर्हताएं पूर्ण करता हो-
- यदि उस दल ने राज्य की विधान सभा के आम चुनाव में उस राज्य से हुए कुल वैध मतों का छह प्रतिशत प्राप्त किया हो, तथा इसके अतिरिक्त उसने संबंधित राज्य में 2 स्थान प्राप्त किये हों।
- यदि वह राज्य लोकसभा के लिए हुये आम चुनाव में उस राज्य से हुए कुल वैध मतों का छह प्रतिशत प्राप्त करता है, तथा इसके अतिरिक्त उसने संबंधित राज्य में उसने लोकसभा की कम से कम 1 सीट जीती हो।
- यदि उस दल ने राज्य की विधानसभा के कुल स्थानों का तीन प्रतिशत सीटें जो भी ज्यादा हों, प्राप्त किये हों।
- यदि प्रत्येक 25 सीटों में से उस दल ने लोकसभा की कम से कम 1 सीट जीती हो या लोकसभा के चुनाव में उस संबंधित राज्य में उसे विभाजन से कम से कम इतनी सीटें प्राप्त की हों।
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