संसदीय मंच का उद्देश्य
- संसदीय मंचों की स्थापना सदन के सदस्यों को विभिन्न प्रासंगिक विषयों के बारे में जानकारी और जमीनी वास्तविकताओं से परिचित कराने के लिए की गई थी। जिससे कि सदस्य, मुद्दों को विभागीय समितियों के समक्ष प्रभावशाली ढंग से उठा सके।
- पार्लियामेंट्री फोरम, संसद सदस्यों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां वे संबन्धित मंत्रियों, विशेषज्ञों और मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा और विमर्श कर सकते हैं।
- साथ ही इसमें कार्यान्वयन प्रक्रिया को गति देना और परिणामोन्मुख दृष्टिकोण के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित चर्चा की जाती है।
- संसदीय मंचों का उद्देश्य, संसद सदस्यों को चिंता के प्रमुख क्षेत्रों और जमीनी स्तर की स्थिति के बारे में संवेदनशील बनाना और उन्हें नवीनतम जानकारी, ज्ञान, तकनीकी जानकारी और देश और विदेश दोनों के विशेषज्ञों से मूल्यवान जानकारी से लैस करना है ताकि वे इन मुद्दों को सदन के पटल पर और विभागों से संबंधित स्थायी समितियों (Departmentally Related Standing Committees) की बैठकों में प्रभावी ढंग से उठा सकें।
- इसके द्वारा संबंधित मंत्रालयों, विश्वसनीय गैर सरकारी संगठनों, समाचार पत्रों, संयुक्त राष्ट्र, इंटरनेट आदि जगहों से महत्वपूर्ण मुद्दों पर डेटा के संग्रह के माध्यम से एक डाटा-बेस तैयार किया जाता है।
- और इन जानकारियों को मंच के सदस्यों को प्रसारित किया जाता है ताकि वे मंचों की चर्चा में सार्थक भागीदारी कर सकें और बैठकों में उपस्थित मंत्रालय के विशेषज्ञ या अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांग सकें।
- इस मंच की स्थापना के साथ यह भी अनिवार्य किया गया है कि संसदीय मंच, संबंधित मंत्रालय/विभाग की विभागीय-संबंधित स्थायी समितियों के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप या अतिक्रमण नहीं करेगा।
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