सिफारिश:
- राज्य सरकार:
- अधिनियम की धारा 6 के तहत राज्य सरकारें किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज सूचीबद्ध अपराधों से संबंधित मामलों को NIA जांँच के लिये केंद्र सरकार (केंद्रीय गृह मंत्रालय) को भेज सकती हैं।
- उपलब्ध कराए गए विवरण का आकलन करने के बाद केंद्र एजेंसी को मामले को संभालने का निर्देश दे सकता है।
- राज्य सरकारों को NIA को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।
- अधिनियम की धारा 6 के तहत राज्य सरकारें किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज सूचीबद्ध अपराधों से संबंधित मामलों को NIA जांँच के लिये केंद्र सरकार (केंद्रीय गृह मंत्रालय) को भेज सकती हैं।
- केंद्र सरकार:
- भारत में: जब केंद्र सरकार की राय है कि किये गए अनुसूचित अपराध की जाँच अधिनियम के तहत की जानी आवश्यक है, तो वह जांँच करने के लिये एजेंसी को निर्देश दे सकती है।
- भारत के बाहर: जब केंद्र सरकार को पता चलता है कि भारत के बाहर किसी भी स्थान पर जहाँ अनुसूचित अपराध किया गया है, यह अधिनियम लागू होता है, वह NIA को मामला दर्ज करने और जांँच करने का निर्देश भी दे सकती है।
- अनुमोदन:
- गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) और कुछ अन्य अनुसूचित अपराधों के तहत आरोपी पर मुकदमा चलाने के लिये एजेंसी केंद्र सरकार से मंज़ूरी मांगती है।
- UAPA की धारा 45 (2) के तहत गठित ‘प्राधिकरण‘ की रिपोर्ट के आधार पर UAPA के तहत मंज़ूरी दी जाती है।
- अन्य:
- नक्सली समूहों के आतंकी वित्तपोषण पहलुओं से संबंधित मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये एक विशेष वामपंथी उग्रवाद (LWE) सेल है।
- किसी भी सूचीबद्ध अपराध की जांँच करते समय एजेंसी किसी अन्य अपराध की जांँच भी कर सकती है, यदि अपराध सूचीबद्ध अपराध से जुड़ा है।
- जाँच के बाद मामलों को NIA की विशेष न्यायालय में रखा जाता है।
- राज्य सरकार:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का जनादेश
- एनआईए अधिनियम, 2008 की धारा VI के अनुसार विभिन्न मामलों को एनआईए को सौंपा गया है।
- एनआईए इन मामलों की जांच पूरी तरह से स्वतंत्र तरीके से करती है।
- जांच पूरी होने के बाद मामलों को विशेष एनआईए कोर्ट में पेश किया जाता है।
- एजेंसी को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 और एनआईए अधिनियम के विभिन्न अन्य अनुसूचित अपराधों के तहत आरोपी पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार से भी अनुमति लेनी होगी।
- यूएपीए अधिनियम के तहत यह मंजूरी यूएपीए अधिनियम, 1967 की धारा 45(2) के तहत गठित प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर दी गई है।
- एनआईए के पास उस विशेष राज्य से किसी विशेष अनुमति के बिना भारत के विभिन्न राज्यों में आतंक से संबंधित मामलों की जांच करने की भी शक्ति है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की आवश्यकता
- आतंकवादी गतिविधियों और आतंकवादी वित्तपोषण से संबंधित अन्य अवैध गतिविधियों जैसे जाली मुद्रा, अवैध हथियारों के व्यापार, नशीली दवाओं और मानव तस्करी आदि के जटिल मामलों की जांच के लिए केंद्रीय स्तर पर एक अलग जांच एजेंसी की आवश्यकता थी।
- इस प्रकार यह एजेंसी विभिन्न राज्य स्तरीय एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाकर भारत की आतंकवाद विरोधी संभावनाओं को बढ़ाएगी और आतंकवाद का मुकाबला करने से संबंधित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के साथ भारत के अनुपालन को भी बढ़ाएगी।
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