NCBC की रिपोर्ट
- आयोग के द्वारा राष्ट्रपति को वार्षिक या ऐसे अन्य समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है जैसा वह उचित समझे।
- आयोग की सिफारिशों पर की गई कार्रवाई के बारे में बताने वाले एक ज्ञापन के साथ सभी रिपोर्टों को राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष रखा जाता हैं।
- ज्ञापन में ऐसी किसी भी सिफारिश को स्वीकार न करने के कारणों का भी उल्लेख होता है।
- राष्ट्रपति किसी राज्य सरकार से संबंधित आयोग की रिपोर्ट को संबंधित राज्यपाल को भी प्रेषित करते है।
- राज्यपाल इसे राज्य विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत करते है, साथ ही आयोग की सिफारिशों पर की गई कार्रवाई की व्याख्या करते हुए एक ज्ञापन भी दिया जाता है।
- ज्ञापन में ऐसी किसी भी सिफारिश को स्वीकार न करने के कारणों का भी उल्लेख होता है।
निष्कर्षत:
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भारत के समावेशी समाज के निरंतर प्रयास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- अधिकारों की प्रभावी सुरक्षा, विकास पहलों को बढ़ावा देने और नीतिगत बदलावों की वकालत करके आयोग के द्वारा सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (SEBCs) को सशक्त बनाया जा सकता है तथा सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (SEBCs) के बेहतर न्यायसंगत भविष्य का निर्माण किया जा सकता है।
- जैसे-जैसे भारत समावेशी विकास और सामाजिक न्याय की ओर अग्रसर होता है, वैसे-वैसे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग एक महत्त्वपूर्ण संस्था बनकर उभर रहा है।
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