न्यायिक समीक्षा का अर्थ:-
- न्यायिक समीक्षा से तात्पर्य सर्वोच्च न्यायालय (या उच्च न्यायालयों) की किसी कानून की संवैधानिकता की जांच करने की शक्ति से है, यदि न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि कानून संविधान के प्रावधानों के साथ असंगत है, तो ऐसे कानून को असंवैधानिक और अनुपयुक्त घोषित किया जाता है।
- दूसरे शब्दों में, न्यायिक समीक्षा न्यायपालिका की वह शक्ति है जो केन्द्र और राज्य सरकारों के विधायी अधिनियमों और कार्यकारी आदेशों की संवैधानिकता की जांच करती है।
- जांच करने पर, यदि वे संविधान का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं (अल्ट्रा वायर्स), तो उन्हें न्यायपालिका द्वारा अवैध, असंवैधानिक और अमान्य (शून्य ) घोषित किया जा सकता है।
- परिणामस्वरूप, इन्हें सरकार द्वारा लागू नहीं किया जा सकता।
- संविधान में कहीं भी न्यायिक समीक्षा शब्द का उल्लेख नहीं है।
- हालाँकि, यह तथ्य कि भारत में एक लिखित संविधान है और सर्वोच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों के विरुद्ध जाने वाले कानून को रद्द कर सकता है, सर्वोच्च न्यायालय को न्यायिक समीक्षा की शक्ति प्रदान करता है।
न्यायिक समीक्षा का महत्व:
1. संविधान की सर्वोच्चता बनाए रखता है:-
न्यायिक समीक्षा यह सुनिश्चित करती है कि कानून और सरकारी कार्रवाई संविधान के अनुरूप हों। यदि कोई कानून या सरकारी कार्रवाई असंवैधानिक पाई जाती है, तो न्यायालय उसे अमान्य घोषित कर सकता है। यह संविधान को सर्वोच्च कानून बनाए रखने में मदद करता है।
- असंवैधानिकता की जांच: न्यायालय किसी भी कानून या सरकारी कार्रवाई की संवैधानिकता की जांच कर सकते हैं।
- अमान्य घोषणा: यदि न्यायालय को कोई कानून या सरकारी कार्रवाई असंवैधानिक लगती है, तो वह उसे अमान्य घोषित कर सकता है।
- संविधान के अनुरूप व्याख्या: न्यायालय संविधान के प्रावधानों की व्याख्या कर सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप हैं।
2. मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है:-
न्यायिक समीक्षा नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करती है। यदि कोई सरकार किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करती है, तो न्यायालय उसके खिलाफ उचित आदेश या निर्देश जारी कर सकता है।
3. सरकार को जवाबदेह ठहराता है:-
न्यायिक समीक्षा सरकार को जवाबदेह ठहराने में मदद करती है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकार कानून के अनुसार कार्य करे और मनमानी ढंग से न चले।
4. कानून के विकास में योगदान देता है:-
न्यायालय अपने फैसलों के माध्यम से कानून की व्याख्या और विकास कर सकते हैं। यह कानून को अधिक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण बनाने में मदद करता है।
5. नागरिकों को न्याय दिलाता है:-
न्यायिक समीक्षा नागरिकों को न्याय दिलाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यदि कोई व्यक्ति सरकार द्वारा किए गए किसी कार्य से प्रभावित होता है, तो वह न्यायालय में जाकर न्याय प्राप्त कर सकता है।
निष्कर्ष:
न्यायिक समीक्षा भारतीय लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह संविधान की सर्वोच्चता बनाए रखने, मौलिक अधिकारों की रक्षा करने, सरकार को जवाबदेह ठहराने, कानून के विकास में योगदान देने और नागरिकों को न्याय दिलाने में मदद करता है।
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