विशेष प्रावधान का औचित्य:-
प्रस्तावना में उल्लिखित समानता और न्याय के उद्देश्य को हासिल करने के लिए संविधान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और आग्ल-भारतीयों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। ये विशेष प्रावधान संविधान के भाग XVI में धारा 330 से 342 में उल्लिखित हैं।
ये प्रावधान निम्न बातों से संबंधित हैं:-
- विधायिकाओं में आरक्षण
- विधायिकाओं में विशेष प्रतिनिधित्व
- नौकरी एवं पदों में आरक्षण
- शैक्षणिक अनुदान
- राष्ट्रीय आयोग का गठन
- जांच आयोग का गठन
इन विशेष प्रावधानों का वर्गीकरण मुख्य रूप से निम्न वर्गों में किया जा सकता हैः
- स्थायी एवं अस्थायी: इनमें से कुछ प्रावधान संविधान के स्थायी अंग हैं, जबकि कुछ एक खास समय तक के लिए काम करने वाले हैं।
- संरक्षणात्मक एवं विकासमूलकः इनमें से कुछ प्रावधानों का उद्देश्य इन वर्गों को सभी प्रकार के अन्याय एवं शोषण से बचाना है, जबकि कुछ प्रावधानों का उद्देश्य उनके सामाजिक-आर्थिक हितों को बढाना है।
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