केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) का क्षेत्राधिकार, 2003:-
केंद्र सरकार, किसी केंद्रीय अधिनियम द्वारा या उसके अंतर्गत गठित निगम, सरकारी कंपनियाँ, केंद्र सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण में संचालित सोसाइटियाँ और स्थानीय प्राधिकरण में कार्यरत लोक सेवकों की कुछ श्रेणियों द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के अंतर्गत किये गए अपराधों के मामले में आयोग को जाँच का अधिकार प्राप्त है। लोक सेवकों की ये श्रेणियाँ हैं:
- संघ के मामलों के संबंध में सेवारत अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्य और केन्द्र सरकार के ग्रुप A अधिकारी।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में स्केल V और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी।
- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) में ग्रेड D और उससे ऊपर के अधिकारी।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कार्यपालक अधिकारी तथा अनुसूची ‘A’ और ‘B’ में E-8 और उससे ऊपर के अन्य अधिकारी।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कार्यपालक अधिकारी तथा अनुसूची ‘C’ और ‘D’ में E-7 और उससे ऊपर के अन्य अधिकारी।
- सामान्य बीमा कम्पनियों में प्रबंधक और उससे ऊपर के पद।
- जीवन बीमा निगम में वरिष्ठ मंडल प्रबंधक और उससे ऊपर के पद।
- केन्द्र सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाली सोसाइटियों और स्थानीय प्राधिकरणों में समय-समय पर संशोधित केन्द्रीय सरकार महंगाई भत्ते के पैटर्न पर 8700/- प्रतिमाह (संशोधन-पूर्व) और उससे अधिक वेतन पाने वाले अधिकारी।
केंद्रीय सतर्कता आयोग की कार्यप्रणाली:-
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त हैं तथा इसकी कार्यवाही न्यायिक प्रकृति की है।
- यह सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी कार्य पर सामान्य पर्यवेक्षण करने के लिए केन्द्र सरकार या उसके प्राधिकारियों से सूचना या रिपोर्ट मांग सकता है।
- किसी एजेंसी द्वारा उसके संदर्भ में की गई जांच की रिपोर्ट प्राप्त होने पर, सीवीसी केंद्र सरकार या उसके प्राधिकारियों को आगे की कार्रवाई के संबंध में सलाह देता है।
- केन्द्र सरकार या उसके प्राधिकारी केन्द्रीय सतर्कता आयोग की सलाह पर विचार करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।
- तथापि, जहां केन्द्र सरकार या उसका कोई प्राधिकारी सीवीसी की सलाह से सहमत नहीं है, तो उसे सीवीसी को लिखित रूप में कारण बताना होगा।
सीवीसी अपनी कार्यवाही अपने मुख्यालय – नई दिल्ली में संचालित करता है। इसमें अपनी प्रक्रिया को विनियमित करने की शक्ति निहित है।
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