संघ लोक सेवा आयोग की स्वतंत्रता:-
UPSC की स्वतंत्रता और निष्पक्षता की रक्षा और सुनिश्चित करने के लिए संविधान में निम्नलिखित प्रावधान हैं:-
- राष्ट्रपति यूपीएससी के अध्यक्ष या सदस्य को संविधान में निर्दिष्ट तरीके और आधार पर ही पद से हटा सकते हैं। नतीजतन, उनकी नौकरी सुरक्षित रहती है।
- यद्यपि अध्यक्ष या सदस्य की सेवा की शर्तें राष्ट्रपति निर्धारित करता है, लेकिन नियुक्ति के बाद उनमें उसके लिए कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
- संघ लोक सेवा आयोग का सम्पूर्ण व्यय, जिसमें अध्यक्ष और सदस्यों का वेतन, भत्ते और पेंशन शामिल हैं, भारत की संचित निधि में जमा किया जाता है तथा यह संसदीय अनुमोदन के अधीन नहीं है।
- पद छोड़ने के बाद यूपीएससी का अध्यक्ष भारत सरकार या किसी राज्य सरकार में नौकरी के लिए पात्र नहीं रह जाता।
- यूपीएससी के किसी सदस्य को यूपीएससी या किसी राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है , लेकिन भारत सरकार या किसी राज्य में किसी अन्य पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।
- संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या सदस्य उस पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए पात्र नहीं है।
Leave a Reply