NCSC के कार्य:-
- अनुसूचित जाति के लिये संवैधानिक तथा अन्य कानूनी सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी मामलों की जाँच एवं निगरानी NCSC द्वारा की जाती है।
- अनुसूचित जाति के अधिकारों एवं सुरक्षा के प्रावधान में कमी से संबंधित शिकायतों की जांच में शामिल है।
- NCSC इन सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन के बारे में राष्ट्रपति को नियमित रूप से रिपोर्ट देता है।
- NCSC अनुसूचित जाति के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए योजनाओं की सिफारिश करता है। यह समुदाय के कल्याण, संरक्षण और उन्नति के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों का भी सुझाव देता है।
- राष्ट्रपति को वार्षिक रूप से तथा ऐसे अन्य समय पर जब वह उचित समझे, उन सुरक्षा उपायों के कामकाज पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना;
- अनुसूचित जाति के संरक्षण, कल्याण एवं सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये उन सुरक्षा उपायों के साथ-साथ अन्य उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये संघ या राज्य द्वारा उठाए जाने वाले उपायों के बारे में सिफारिशें करना।
- वर्ष 2018 तक आयोग को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के संबंध में भी समान कार्य करने की आवश्यकता थी। 102वें संशोधन अधिनियम, 2018 द्वारा इसे इस ज़िम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया।
- NCSC एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए भी इसी प्रकार के कार्य करता है।
- NCSC प्रमुख निगरानी गतिविधियों को करने के लिए विशेष अदालतें स्थापित करता है। ये विशेष अदालतें नागरिक अधिकार अधिनियम और अत्याचार अधिनियम के तहत अपराधों की गति बढ़ाने में मदद करती हैं।NCSC इन अदालतों की निपटान दरों पर भी नज़र रखता है। NCSC ने अत्याचार की शिकायतों की कई बार मौके पर जाकर जांच की है।
NCSC की शक्तियाँ:-
आयोग को अपनी संचालन प्रक्रिया को विनियमित करने की शक्ति प्राप्त है।
- किसी मामले या किसी शिकायत की जांच करते समय आयोग के पास सिविल कोर्ट की सभी शक्तियाँ होती हैं, अर्थात्
- भारत के किसी भी भाग से किसी भी व्यक्ति को उपस्थित होने के लिए बुलाना और शपथ पर उससे पूछताछ करना,
- जांच से संबंधित किसी भी दस्तावेज के लिए संबंधित अधिकारी को आदेश देना,
- शपथ पत्रों पर साक्ष्य प्राप्त करना,
- किसी भी न्यायालय या कार्यालय से किसी भी सार्वजनिक रिकॉर्ड की माँग करना,
- गवाहों और दस्तावेजों की जाँच के लिए समन जारी करना,
- कोई अन्य मामला जो राष्ट्रपति निर्धारित करते है।
- केंद्र और राज्य सरकारों को अनुसूचित जाति को प्रभावित करने वाले सभी प्रमुख नीतिगत मामलों पर आयोग से परामर्श करना आवश्यक है।
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