भारत में, प्रत्येक राज्य की अपनी विधायिका होती है जिसे राज्य विधानमंडल कहा जाता है। यह विधानमंडल दो सदनों से बना होता है:
- राज्य विधानमंडल में राज्यपाल और विंधानसभा शामिल होते हैं लेकिन जिन राज्यों में विधानमंडल द्विसदनीय है वहाँ विधान परिषद को भी शामिल किया जाता है।
- विधान सभा: यह विधानमंडल का निचला सदन है। इसके सदस्यों को विधायक (विधानसभा सदस्य) कहा जाता है।
- विधान परिषद: यह विधानमंडल का ऊपरी सदन है। सभी राज्यों में विधान परिषद नहीं होती है। जिन राज्यों में विधान परिषद है, वहां इसके सदस्यों को विधान परिषद सदस्य कहा जाता है।
विधान सभा:-
- विधानसभा को निचला सदन या लोकप्रिय सदन भी कहा जाता है।
- विधान सभा के सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा किया जाता है।
- विधान सभा का कार्यकाल पांच वर्ष होता है।
- विधानसभा में सदस्यों की अधिकतम सदस्य संख्या 500 एवं न्यूनतम संख्या 60 होती है।
- विधान सभा राज्य की सबसे शक्तिशाली विधायिका है।
- सिक्किम और नागालैंड में कुछ सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से भी होता है।
- यदि विधानसभा में आंग्ल भारतीय समुदाय के व्यक्ति का प्रतिनिधित्व नहीं है तब राज्यपाल एक सदस्य को नामित कर सकता है।
- राज्य की जनसंख्या के अनुपात में विधानसभा में SC/ST के सदस्यों के लिए स्थान आरक्षित होता है।
- यह कानून बनाती है, राज्य सरकार के बजट को मंजूरी देती है, और मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद को जवाबदेह ठहराती है।
विधान परिषद:-
- विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से विधान सभा, विधान परिषद के मौजूदा सदस्यों, और स्नातक निर्वाचकों द्वारा किया जाता है।
- विधान परिषद का कार्यकाल छह वर्ष होता है, जिसमें सदस्यों का एक तिहाई हिस्सा हर दो साल में चुना जाता है।
- विधान परिषद विधान सभा द्वारा पारित विधेयकों की समीक्षा करती है और उनमें संशोधन कर सकती है।
राज्य विधानमंडल के कार्य:-
- कानून बनाना: राज्य विधानमंडल राज्य के लिए कानून बनाता है। इन कानूनों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, और कानून व्यवस्था जैसे विषय शामिल हो सकते हैं।
- बजट को मंजूरी देना: राज्य विधानमंडल राज्य सरकार के बजट को मंजूरी देता है। बजट में सरकार द्वारा खर्च किए जाने वाले धन की योजना शामिल होती है।
- सरकार को जवाबदेह ठहराना: राज्य विधानमंडल राज्य सरकार को जवाबदेह ठहराता है। विधायक मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद से सवाल पूछ सकते हैं और उनके कामकाज की समीक्षा कर सकते हैं।
राज्य विधानमंडल का महत्व:-
राज्य विधानमंडल राज्य में लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकार जनता के प्रति जवाबदेह हो। यह राज्य के लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
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