इस विषय को विस्तार से विचार करने के लिए, निम्नलिखित कमेटियों और समितियों की एक उपसूची बनाई जा सकती है:
- कमेटी ऑफ एक्सपर्ट्स: इस कमेटी का कार्य था संविधान निर्माण में विशेषज्ञता और विचारों की प्रस्तावित नीतियों का मूल्यांकन करना।
- भारतीय संविधान समिति (भारतीय संविधान सभा):इस समिति का गठन 9 दिसंबर 1946 को किया गया था और इसकी प्रमुख उपाधि भारतीय संविधान के मसौदे तैयार करना था।भारतीय संविधान समिति के कार्य के दौरान, समिति में 389 सदस्य होते थे, जिनमें 292 प्रतिनिधियों को लोकसभा और राज्यसभा से चुना गया था, जबकि अन्य 93 सदस्य विभिन्न राजा-महाराजा, प्रान्तों और समाज के विभागों के लिए चुने गए थे। इस समिति के अध्यक्ष डॉ. बी. आर. अम्बेडकर थे।भारतीय संविधान समिति का कार्य अद्वितीय और महत्वपूर्ण था। यह समिति ने भारतीय संविधान के प्रावधानों को तैयार किया, जिसने भारत को एक समावेशी, लोकतांत्रिक, और समानतापूर्ण राष्ट्र के रूप में आधुनिक भारतीय गणराज्य का जन्म दिया।इस समिति ने भारतीय संविधान के अनेक पहलुओं का विचार किया, जैसे कि नागरिक अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, राज्य केंद्र संबंध, आदि। इसके पश्चात्, इस समिति द्वारा तैयार किए गए मसौदे को संविधान सभा को प्रस्तुत किया गया, जो उसे स्वीकृति देने के लिए चिंतन करती थी। भारतीय संविधान समिति द्वारा तैयार किए गए मसौदे का अंतिम रूप और संविधान निर्माण समिति के कार्य के परिणामस्वरूप, भारतीय संविधान का निर्माण हुआ, जो 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा स्वीकृत हुआ।
- विभाजन कमेटी: इस कमेटी का काम था भारतीय समुदायों के अनुसार राजनीतिक और प्रशासनिक विभाजन को विचार करना,विभाजन कमेटी ने भारत के विभाजन से संबंधित मुद्दों के विवेचन किए जैसे कि राज्य के राज्यों में विच्छिन्नता, कानूनी, आर्थिक, और सामाजिक प्रणाली के मुद्दे, और लोगों के अधिकार।इसके बाद, विभाजन कमेटी ने अपनी सलाह और सिफारिशों को विभाजन समिति को प्रस्तुत किया, जो संविधान निर्माण समिति को उचित दिशा में आगे बढ़ने में मदद करती।विभाजन कमेटी की सिफारिशों का महत्वपूर्ण योगदान था भारतीय संविधान के निर्माण में, जो एक समावेशी, लोकतांत्रिक, और समानतापूर्ण राष्ट्र के रूप में भारत को स्थापित किया।
- विशेष समिति और उपसमितियाँ: इन समितियों का काम था विशेष विषयों पर गहन अध्ययन करना, जैसे नागरिक अधिकार, नागरिकता, और शास्त्रीय व्यवस्था।
यहां कुछ विशेष समितियों और उपसमितियों के उदाहरण दिए जा रहे हैं:
- धार्मिक स्वतंत्रता समिति: इस समिति का कार्य धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर चर्चा करना और संविधान में संबंधित प्रावधानों की सलाह देना था।
- समाजिक न्याय और अधिकार समिति: इस समिति का मुख्य कार्य समाज में न्याय और समानता के मुद्दों पर चर्चा करना और संविधान में उचित प्रावधानों की सलाह देना था।
- आर्थिक विकास समिति: इस समिति का कार्य राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास और प्रगति के लिए संविधान में उचित नीतियों और प्रावधानों की सलाह देना था।
- जातिगत समानता समिति: इस समिति का कार्य जातिगत समानता और समाज में असमानता के मुद्दों पर विचार करना और संविधान में संबंधित प्रावधानों की सलाह देना था।
5. संविधान समिति: यह समिति वास्तविक रूप से संविधान का निर्माण करने के लिए गठित की गई थी और इसका कार्य था संविधान के प्रावधानों को तैयार करना।
भारतीय संविधान सभा की 8 समितियां थीं, जिन्हें “संविधान समिति” भी कहा जाता था। इन समितियों का गठन विभिन्न विषयों पर विस्तृत और गहन विचार-विमर्श करने और संविधान के मसौदे के लिए सिफारिशें तैयार करने के लिए किया गया था।
संविधान समितियों की मुख्य विशेषताएं:
- प्रत्येक समिति में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे, जैसे कि कानून, राजनीति, इतिहास और समाजशास्त्र।
- इन समितियों ने संविधान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा और बहस की।
- उन्होंने संविधान के मसौदे के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें तैयार कीं।
- डॉ. बी.आर. अंबेडकर, जो संविधान सभा के अध्यक्ष और प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे, ने इन समितियों के काम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संविधान समितियों के कुछ महत्वपूर्ण कार्य:
- मौलिक अधिकार समिति: इस समिति ने भारत के नागरिकों के लिए मौलिक अधिकारों की सूची तैयार की।
- संघीय संबंध समिति: इस समिति ने केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण पर सिफारिशें तैयार कीं।
- मसौदा समिति: इस समिति ने संविधान का मसौदा तैयार किया, जिसे बाद में संविधान सभा द्वारा अपनाया गया।
- अल्पसंख्यक समिति: इस समिति ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रावधानों की सिफारिश की।
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समिति: इस समिति ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आरक्षण और अन्य विशेष प्रावधानों की सिफारिश की।
संविधान समितियों का महत्व:
भारतीय संविधान के निर्माण में संविधान समितियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन समितियों के गहन विचार-विमर्श और सिफारिशों ने एक संतुलित और व्यापक संविधान का निर्माण करने में मदद की जो भारत की विविधता को दर्शाता है।
संविधान समितियों के बारे में अधिक जानकारी:
- आप भारत की संसद की वेबसाइट पर https://sansad.in/ls पर जाकर संविधान समितियों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- आप राष्ट्रीय अभिलेखागार https://nationalarchives.nic.in/ की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं, जहाँ संविधान सभा के दस्तावेज उपलब्ध हैं।
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