- भारत की संसद में दो सदन और भारत के राष्ट्रपति होते हैं। संसद के दो सदन “राज्यसभा” और “लोकसभा” हैं।
- 3 जनवरी 1949 को मसौदा अनुच्छेद 66 (अनुच्छेद 79) पर बहस हुई । इसमें संसद की संरचना निर्धारित की गई।
- राष्ट्रपति किसी सदन का सदस्य नहीं बल्कि संसद का अभिन्न अंग है क्योंकि
- राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना, संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक कानून नहीं बन सकता।
- एक सदस्य ने मसौदा अनुच्छेद से ‘राज्य परिषद’ को हटाने के लिए संशोधन पेश किया । उन्होंने तर्क दिया कि राज्य परिषद, जिसे द्वितीय सदन के रूप में भी जाना जाता है, किसी काम की नहीं है और पुरानी संस्था है।
- मसौदा समिति के एक सदस्य ने इस प्रस्ताव के खिलाफ तर्क दिया । उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य परिषद लोगों को राजनीति में भाग लेने के लिए एक और मंच प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह ‘जल्दबाजी में कानून’ बनाने से भी रोकेगा।
- ‘संसद’ के स्थान पर ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ रखने का एक और प्रस्ताव था।
- मसौदा समिति के एक सदस्य ने इस प्रस्ताव से असहमति जताई और तर्क दिया कि भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को प्रमुखता दी गई है – वह राष्ट्र का कार्यकारी प्रमुख है, और राष्ट्रपति को विधायिका में शामिल करना महत्वपूर्ण है।
1954 में “राज्य परिषद” एवं “जनता का सदन” के स्थान पर क्रमशः राज्यसभा एवं लोकसभा शब्द को अपनाया गया । राज्यसभा, संसद का उच्च सदन कहलाता है जबकि लोकसभा निचला सदन कहलाता है । राज्यसभा में राज्य व संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं, जबकि लोकसभा संपूर्ण रूप में भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करती है । लोकसभा के लिए प्रत्यक्ष चुनाव होते हैं जबकि राज्यसभा के लिए अप्रत्यक्ष । हमारा भारतीय संविधान, ब्रिटेन की पद्धति पर आधारित है । ब्रिटेन की संसद भी ‘क्राउन’ (राजा या रानी), हाउस ऑफ लॉर्ड (ऊपरी सदन) व हाउस ऑफ कॉमन्स (निचला सदन) से मिलकर बनती है । इसके विपरीत, अमेरिकी राष्ट्रपति कांग्रेस का महत्वपूर्ण अंग नहीं है । अमेरिका में विधानमंडल को ‘कांग्रेस’ के नाम से जाना जाता है । कांग्रेस के अंतर्गत ‘सीनेट’ (ऊपरी सदन) तथा हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटिव (निचला सदन) होते हैं । सरकार की संसदीय पद्धति में विधायी व कार्यकारी अंगों में परस्पर निर्भरता पर बल दिया जाता है । अतः भारत में संसद में राष्ट्रपति, ब्रिटेन की संसद में क्राउन की तरह है । वहीं दूसरी तरफ, राष्ट्रपति पद्धति वाली सरकार (जैसे अमेरिका में) विधायी और कार्यकारी अंगों के पृथक्करण पर बल दिया जाता है । इसीलिए अमेरिकी राष्ट्रपति, कांग्रेस का घटक नहीं माना जाता है ।
संविधान के पांचवें भाग के अंतर्गत अनुच्छेद 79 से 122 में संसद के गठन, संरचना, अवधि, अधिकारियों, प्रक्रिया, विशेषाधिकार व शक्ति आदि के बारे में वर्णन किया गया है।
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