प्रमुख न्यायविद् ने निम्नलिखित प्रकार के सामाजिक/मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को रेखांकित किया है जो न्यायिक सक्रियता को उत्प्रेरित करते हैं”:-
- नागरिक अधिकार कार्यकर्त्ता:- ये समूह मुख्यतः नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों से जुड़े मामले उठाते हैं। नागरिक अधिकार कार्यकर्ता वे लोग हैं जिन्होंने समानता और न्याय के लिए लड़ाई लड़ी है, खासकर नस्ल, धर्म, लिंग, यौन अभिविन्यास या सामाजिक-आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव के खिलाफ। उनके कार्यों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप कानूनों में बदलाव, सामाजिक रीति-रिवाजों में बदलाव और व्यक्तियों के जीवन में सुधार हुआ है।
- जन अधिकार कार्यकर्त्ता:- जन अधिकार कार्यकर्ता वे लोग होते हैं जो समानता और न्याय के लिए लड़ते हैं, खासकर वंचित समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए। वे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन लाने के लिए काम करते हैं।
- उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्त्ता:- ये समूह राजनीति एवं आर्थिक व्यवस्था की जवाबदेही के ढाँचे में उपभोक्ता अधिकार संबंधी मामले उठाते हैं।
- बंधुआ मजदूर समूह:- ये समूह भारत में मजदूरी दासता के उन्मूलन के लिए न्यायिक सक्रियता की अपेक्षा करते हैं।
- पर्यावरणीय कार्यवाही के लिए नागरिकः- ये समूह न्यायिक सक्रियता को बढ़ते पर्यावरणीय गिरावट तथा प्रदूषण को समाप्त करने के लिए उत्प्रेरित करते हैं।
- वृहत सिंचाई परियोजनाओं के विरुद्ध नागरिक समूह:- इन कार्यकर्ताओं की भारत की न्यायपालिका से यह अपेक्षा होती है कि वह वृहत सिंचाई परियोजनाओं को रोक दे, जो कि दुनिया की किसी भी न्यायपालिका के लिए असंभव है।
- बाल अधिकार समूहः- ये लोग बाल श्रम, शिक्षा-साक्षरता का अधिकार, सुधार गृहों के किशोरों तथा यौन श्रमिकों के बच्चों के अधिकारों से संबंधित मामलों को उठाते हैं।
- हिरासती या परिरक्षण अधिकार समूह:- इनमें कैदियों के अधिकार, राज्य के संरक्षक परिरक्षण या हिरासत में महिलाएँ तथा निवारक बंदीकरण से प्रभावित व्यक्तियों के लिए की जाने वाली सामाजिक कार्रवाइयाँ शामिल हैं।
- निर्धनता अधिकार समूहः –ये समूह सूखे एवं अकाल के दौरान सहायता तथा शहरी गरीबों के मामलों को न्यायालय तक लाते हैं।
- मूलवासी जन अधिकार समूहः- ये समूह वनवासियों, संविधान की पाँचवीं एवं छठी अनुसूचियों के नागरिकों तथा अस्मिता संबंधी अधिकारों के लिए कार्य करते हैं।
- महिला अधिकार समूहः- ये समूह लैंगिक समानता, लिंग आधारित हिंसा एवं उत्पीडन, बलात्कार तथा दहेज हत्या जैसे मामलों पर आंदोलन करते हैं।
- बार-आधारित समूहः- ये समूह भारतीय न्यायपालिका को स्वायत्तता तथा जवाबदेही संबंधी मुद्दों के लिए आंदोलन करते हैं।
- मीडिया स्वायत्तता समूहः- ये समूह प्रेस के साथ ही राज्य के स्वामित्व वाले जन माध्यमों की स्वायत्तता एवं जवाबदेही पर एकाग्र रहते हैं।
- वर्गीकृत अधिवक्ता आधारित समूहः- इस कोटि में प्रभावशाली वकीलों के समूह आते हैं जो विभिन्न मुद्दों के लिए आंदोलन करते हैं। वर्गीकृत वैयक्तिक आवेदक याचिकाकर्त्ताः इसके अतर्गत स्वतंत्र कार्यकर्त्ता आते हैं
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