चंद्रगुप्त मौर्य (340-297 ईसा पूर्व)
चंद्रगुप्त मौर्य, मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे। उनका जन्म 340 ईसा पूर्व में हुआ था और उन्होंने 297 ईसा पूर्व तक शासन किया। चंद्रगुप्त मौर्य एक महान योद्धा और रणनीतिकार थे जिन्होंने अपनी वीरता और पराक्रम से मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।
उपलब्धियां:
मौर्य साम्राज्य की स्थापना: चंद्रगुप्त मौर्य ने 321 ईसा पूर्व में मगध के सम्राट धनानंद को पराजित करके मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने अपनी सेना के बल पर पूरे उत्तर भारत को जीत लिया।
सेल्यूकस के साथ युद्ध: चंद्रगुप्त मौर्य ने सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस को पराजित करके पश्चिमोत्तर भारत में मौर्य साम्राज्य का विस्तार किया।
प्रशासन: चंद्रगुप्त मौर्य ने एक कुशल प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की। उन्होंने अपने साम्राज्य को कई प्रांतों में विभाजित किया और प्रत्येक प्रांत में एक गवर्नर नियुक्त किया।
अर्थव्यवस्था: चंद्रगुप्त मौर्य ने एक मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण किया। उन्होंने व्यापार और वाणिज्य को प्रोत्साहित किया और कई महत्वपूर्ण सिक्के जारी किए।
चंद्रगुप्त मौर्य के बारे में जानकारी के मुख्य स्रोत:
मेगस्थनीज: मेगस्थनीज, सिकंदर का एक दूत था जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था। उसने अपनी पुस्तक “इंडिका” में चंद्रगुप्त मौर्य और उनके साम्राज्य का वर्णन किया है।
अर्थशास्त्र: अर्थशास्त्र, चाणक्य द्वारा लिखा गया एक ग्रंथ है। इसमें चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल और उनके प्रशासनिक व्यवस्था का वर्णन है।
जैन और बौद्ध ग्रंथ: जैन और बौद्ध ग्रंथों में भी चंद्रगुप्त मौर्य का उल्लेख है।
निष्कर्ष:
चंद्रगुप्त मौर्य, भारतीय इतिहास के एक महान सम्राट थे जिन्होंने अपनी वीरता, पराक्रम और कुशल नेतृत्व से मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने एक मजबूत और समृद्ध साम्राज्य का निर्माण किया जिसने भारतीय इतिहास पर एक स्थायी प्रभाव डाला.
यह भी ध्यान देने योग्य है कि:
चंद्रगुप्त मौर्य को “संध्रोकोटस” के नाम से भी जाना जाता है।
चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में जैन धर्म ग्रहण कर लिया था।
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