महेश्वर की गुफाएं मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित एक प्राचीन हिंदू गुफा मंदिर परिसर है। यह नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। गुफाएं 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच चंदेल राजवंश के दौरान बनाई गई थीं।
गुफाओं में कई मंदिर, मूर्तियाँ और शिलालेख हैं। मंदिरों में शिव, विष्णु, पार्वती और अन्य हिंदू देवताओं को समर्पित हैं। मूर्तियाँ हिंदू धर्म और संस्कृति की विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं। शिलालेख चंदेल राजवंश के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
महेश्वर की गुफाएं मध्य प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक हैं। वे भारतीय इतिहास और संस्कृति के एक महत्वपूर्ण काल की गवाही देते हैं।
महेश्वर की गुफाओं के प्रमुख मंदिर निम्नलिखित हैं:
महाकालेश्वर मंदिर: यह मंदिर शिव को समर्पित है। यह मंदिर चंदेल राजवंश के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।
पार्वती मंदिर: यह मंदिर पार्वती को समर्पित है। यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित है। ब्रह्मा मंदिर: यह मंदिर ब्रह्मा को समर्पित है। यह मंदिर महेश्वर शहर के बाहरी इलाके में स्थित है।
महेश्वर की गुफाओं के प्रमुख मूर्तियाँ निम्नलिखित हैं: महाकाल की मूर्ति: यह मूर्ति महाकालेश्वर मंदिर में स्थित है। यह मूर्ति 10 फीट ऊंची है और यह चंदेल मूर्तिकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
पार्वती की मूर्ति: यह मूर्ति पार्वती मंदिर में स्थित है। यह मूर्ति 8 फीट ऊंची है और यह चंदेल मूर्तिकला का एक अन्य उत्कृष्ट उदाहरण है।
पार्वती की मूर्ति, महेश्वर
ब्रह्मा की मूर्ति: यह मूर्ति ब्रह्मा मंदिर में स्थित है। यह मूर्ति 7 फीट ऊंची है और यह चंदेल मूर्तिकला का एक तीसरा उत्कृष्ट उदाहरण है।
ब्रह्मा की मूर्ति, महेश्वर
महेश्वर की गुफाओं के प्रमुख शिलालेख निम्नलिखित हैं:
महाकालेश्वर मंदिर का शिलालेख: यह शिलालेख चंदेल राजा यशोवर्मन द्वारा महाकालेश्वर मंदिर के निर्माण का वर्णन करता है।
पार्वती मंदिर का शिलालेख: यह शिलालेख चंदेल राजा देववर्मन द्वारा पार्वती मंदिर के निर्माण का वर्णन करता है।
ब्रह्मा मंदिर का शिलालेख: यह शिलालेख चंदेल राजा गंगाधर द्वारा ब्रह्मा मंदिर के निर्माण का वर्णन करता है।
महेश्वर की गुफाएं एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल हैं। वे मध्य प्रदेश के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
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