भीमबैठका की गुफाएं मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं।
भीमबैठका में 700 से अधिक शैलाश्रय हैं, जिनमें से 243 में शैलचित्र हैं। इन चित्रों में जानवरों, पक्षियों, मनुष्यों, नृत्य, शिकार, युद्ध और अन्य गतिविधियों का चित्रण किया गया है। चित्रों में इस्तेमाल किए गए रंग मुख्य रूप से लाल, गेरूआ और सफेद हैं।
भीमबैठका को 1957 में डॉ. वी.एस. वाकणकर ने खोजा था। 1988 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
भीमबैठका एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है जो हमें मानव जीवन के विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है।
यहां कुछ रोचक तथ्य दिए गए हैं:
- भीमबैठका में पाए गए कुछ चित्रों की आयु 30,000 वर्ष से अधिक है।
- इन चित्रों में शिकार के विभिन्न तरीकों का चित्रण किया गया है, जैसे कि भाले, तीर और जाल का उपयोग।
- कुछ चित्रों में मनुष्यों को नृत्य करते हुए दिखाया गया है, जो उस समय के सामाजिक जीवन का संकेत देता है।
- भीमबैठका में पाए गए चित्रों का उपयोग उस समय के जलवायु और वनस्पतियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
भीमबैठका की यात्रा:
भीमबैठका भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर दूर है। यहां पहुंचने के लिए बस या टैक्सी ली जा सकती है।
भीमबैठका में प्रवेश करने के लिए शुल्क लिया जाता है।
यहां एक संग्रहालय है जो भीमबैठका के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी देता है।
यहां कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:
- निकटतम हवाई अड्डा: राजा भोज हवाई अड्डा, भोपाल
- निकटतम रेलवे स्टेशन: भोपाल जंक्शन
- आवास: भोपाल में कई होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।
Leave a Reply