वन्यजीव अभ्यारण्य
परिभाषा: वन्यजीव अभ्यारण्य एक ऐसा क्षेत्र होता है जिसे किसी विशिष्ट वनस्पति या जीव प्रजाति की रक्षा के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाता है।
उद्देश्य: इनका मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों को लुप्त होने से बचाना और उनके प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करना है।
प्रबंधन: वन्यजीव अभ्यारण्य का प्रबंधन राज्य वन विभाग द्वारा किया जाता है।
गतिविधियाँ: अभ्यारण्य में पर्यटन, अनुसंधान और शिक्षा जैसी गतिविधियों की अनुमति है, लेकिन इन्हें कड़ाई से नियंत्रित किया जाता है।
राष्ट्रीय उद्यान:
परिभाषा: राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव अभ्यारण्य से अधिक सुरक्षित क्षेत्र होते हैं, जिन्हें सरकार द्वारा वनस्पतियों और जीवों के समृद्ध विविधता वाले क्षेत्रों की रक्षा के लिए अधिसूचित किया जाता है।
उद्देश्य: राष्ट्रीय उद्यानों का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित करना और वन्यजीवों के प्राकृतिक आवासों को बनाए रखना है।
प्रबंधन: राष्ट्रीय उद्यानों का प्रबंधन भारत सरकार के वनस्पति और वन्यजीव विभाग द्वारा किया जाता है।
गतिविधियाँ: राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटन, अनुसंधान और शिक्षा जैसी गतिविधियों को कड़ाई से नियंत्रित किया जाता है।
मध्यप्रदेश के प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान
वन्य जीव अभ्यारण्य
1. नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य
- स्थान: सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, चिंकारा, चौसिंगा
2. कूनो वन्यजीव अभ्यारण्य
- स्थान: श्योपुर जिला
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, सियार, नीलगाय
- विशेषता: एशियाई शेर पुनःस्थापना परियोजना
3. रतापानी वन्यजीव अभ्यारण्य
- स्थान: रायसेन और सीहोर जिले
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, स्लॉथ भालू
4. गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य
- स्थान: मंदसौर और नीमच जिले
- प्रमुख प्रजातियाँ: मगरमच्छ, चिंकारा, ब्लैकबक
5. सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व
- स्थान: यह रिजर्व मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच स्थित है
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, सांभर
राष्ट्रीय उद्यान
कन्हा राष्ट्रीय उद्यान
- स्थान: मंडला और बालाघाट जिले
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, बारहसिंगा, चीतल, सांभर
- विशेषता: बारहसिंगा की अद्वितीय उप-प्रजाति
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
- स्थान: उमरिया जिला
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, हिरण, जंगली सूअर
- विशेषता: बाघों की सबसे अधिक घनत्व वाला क्षेत्र
पेंच राष्ट्रीय उद्यान
- स्थान: सिवनी और छिंदवाड़ा जिले
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, जंगली कुत्ते, गौर
- विशेषता: रुडयार्ड किपलिंग के “द जंगल बुक” की प्रेरणा
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
- स्थान: होशंगाबाद, बैतूल और छिंदवाड़ा जिले
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, जंगली कुत्ते
- विशेषता: अद्वितीय पहाड़ी और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र
संजय राष्ट्रीय उद्यान
- स्थान: सीधी और सिंगरौली जिले
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, सांभर, चिंकारा
- विशेषता: घने साल और बांस के जंगल
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
- स्थान: पन्ना और छतरपुर जिले
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, घड़ियाल, चिंकारा
- विशेषता: केन नदी जो पार्क के बीच से बहती है
डूबरी वन्यजीव अभ्यारण्य
- स्थान: शहडोल जिला
- प्रमुख प्रजातियाँ: बारहसिंगा, चीतल, सांभर, बाघ
सोन घड़ियाल अभ्यारण्य
- स्थान: सीधी जिला
- प्रमुख प्रजातियाँ: घड़ियाल, मगरमच्छ, मछली प्रजातियाँ
- विशेषता: सोन नदी में घड़ियाल संरक्षण
बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य
- स्थान: होशंगाबाद जिला
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, गौर, नीलगाय
- विशेषता: सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा
बैहर वन्यजीव अभ्यारण्य
- स्थान: बालाघाट जिला
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, भालू, हिरण
पमाशिल वन्यजीव अभ्यारण्य
- स्थान: सीधी जिला
- प्रमुख प्रजातियाँ: बारहसिंगा, चीतल, सांभर, बाघ
राष्ट्रीय उद्यान (जारी)
माधव राष्ट्रीय उद्यान
- स्थान: शिवपुरी जिला
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, चिंकारा, नीलगाय
- विशेषता: शिवपुरी के पास स्थित है और ऐतिहासिक महत्व भी रखता है
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान
स्थान: भोपाल
प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ, तेंदुआ, भालू, मगरमच्छ
विशेषता: यह एक जैविक पार्क भी है और भोपाल शहर के बीचों-बीच स्थित है
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