वीतिहोत्र राजवंश, हैहय राजवंश की एक शाखा थी, जो मध्य प्रदेश के अवंती (आधुनिक उज्जैन) क्षेत्र में शासन करती थी।
इस वंश के बारे में जानकारी सीमित है, क्योंकि प्राचीन ग्रंथों में इनका उल्लेख कम मिलता है। महावस्तु नामक ग्रंथ में पूर्वी मालवा क्षेत्र में दशर्न नामक राज्य का उल्लेख मिलता है, जो संभवतः वितिहोत्रों का ही राज्य था।
पाली भाषा में लिखे बौद्ध ग्रंथों में भी उज्जैनी, वेदीसा (विदिशा) और महिष्मति (महिष्मति) जैसे महत्वपूर्ण शहरों का उल्लेख मिलता है, जो वितिहोत्रों के शासनकाल के दौरान अवंती का हिस्सा थे।
भर्तृदामन: वितिहोत्रा वंश के प्रसिद्ध शासक थे।
विश्वसेन: भर्तृदामन के पुत्र थे, जिन्होंने अपने पिता के शासन का विस्तार किया।
अन्य शासकों के नामों का उल्लेख कम मिलता है।
वितिहोत्रों ने अवंती को एक समृद्ध और शक्तिशाली राज्य बनाया।
उन्होंने कला, संस्कृति और शिक्षा को बढ़ावा दिया।
उन्होंने मंदिरों और अन्य भवनों का निर्माण करवाया।
उज्जैन उनके शासनकाल में एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बन गया।
8वीं शताब्दी में राष्ट्रकूटों के उदय के साथ वितिहोत्रों का पतन हो गया।
राष्ट्रकूटों ने अवंती पर विजय प्राप्त की और वितिहोत्रों को हटा दिया।
वितिहोत्रों ने मध्य प्रदेश के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने अवंती को एक समृद्ध और शक्तिशाली राज्य बनाया और कला, संस्कृति और शिक्षा को बढ़ावा दिया।
उनके शासनकाल में निर्मित मंदिर और अन्य भवन आज भी मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं।
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