सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला मध्य प्रदेश की एक प्रमुख भौगोलिक इकाई है, जो न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि जैव विविधता, पर्यटन, सांस्कृतिक धरोहर और खनिज संपदा के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ इस पर्वत श्रृंखला के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है:
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला मध्य भारत में स्थित है और मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और गुजरात राज्यों में फैली हुई है। इस श्रृंखला की लंबाई लगभग 900 किलोमीटर है। यह पश्चिम में गुजरात के पूर्वी भाग से शुरू होकर पूर्व में छत्तीसगढ़ तक फैली हुई है।
- होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम)
- बैतूल
- छिंदवाड़ा
- सिवनी
- हरदा
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में कई प्रमुख शिखर और पठार शामिल हैं:
- धूपगढ़: यह सतपुड़ा का सबसे ऊँचा शिखर है, जिसकी ऊँचाई लगभग 1,352 मीटर (4,429 फीट) है और यह मध्य प्रदेश के पचमढ़ी क्षेत्र में स्थित है।
- महादेव पहाड़ी: पचमढ़ी के पास स्थित यह शिखर धार्मिक और पर्यटक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
सतपुड़ा रेंज अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कई वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान स्थित हैं:
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान: यह पार्क घने जंगलों, नदियों और पहाड़ों से भरा है और यहाँ बाघ, तेंदुआ, स्लॉथ भालू, और विभिन्न पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान: यह पार्क भी सतपुड़ा की गोद में स्थित है और मोगली की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, और अन्य वन्यजीव देखे जा सकते हैं।
- कनहा राष्ट्रीय उद्यान: यद्यपि यह सीधे तौर पर सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का हिस्सा नहीं है, लेकिन इसकी निकटता और समान पारिस्थितिकी के कारण यह उल्लेखनीय है।
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला से कई महत्वपूर्ण नदियाँ निकलती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- नर्मदा नदी: इसका उद्गम अमरकंटक से होता है और यह पश्चिम दिशा में बहते हुए अरब सागर में मिलती है।
- ताप्ती नदी: इसका उद्गम भी सतपुड़ा से होता है और यह पश्चिम दिशा में बहकर खंभात की खाड़ी में मिलती है।
- तवा नदी: यह नर्मदा की एक प्रमुख सहायक नदी है, जिसका उद्गम भी सतपुड़ा के जंगलों से होता है।
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं:
- पचमढ़ी: यह मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है और इसे ‘सतपुड़ा की रानी’ कहा जाता है। यहाँ धूपगढ़, बी फॉल, जटा शंकर गुफा, और पांडव गुफाएँ प्रमुख आकर्षण हैं।
- अमरकंटक: नर्मदा और सोन नदियों के उद्गम स्थल के रूप में प्रसिद्ध, यह तीर्थस्थल धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी अत्यधिक है। यहाँ कई प्राचीन मंदिर, गुफाएँ, और ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं। पचमढ़ी की गुफाएँ और सतपुड़ा के जंगलों में स्थित आदिवासी जनजातियों की संस्कृति विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में खनिज संपदा भी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। यहाँ बॉक्साइट, कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, और अन्य खनिजों का खनन होता है, जो राज्य की आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला मध्य प्रदेश के प्राकृतिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक परिदृश्य का एक अभिन्न हिस्सा है। इसके वन, नदियाँ, वन्यजीव, और पर्यटन स्थल न केवल राज्य की जैव विविधता को समृद्ध करते हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। सतपुड़ा की पर्वतमाला के संरक्षण और सतत उपयोग से यह क्षेत्र आने वाले समय में भी अपनी महत्ता बनाए रखेगा।
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