सहरिया भारत के मध्य प्रदेश राज्य में एक जातीय समूह है। वे मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के मुरैना, श्योपुर, भिंड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, विदिशा और गुना जिलों और राजस्थान के बारां जिले में पाए जाते हैं। इन्हें विशेष रूप से कमजोर वन्यजीव (PVTG) समूह के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
सहरिया जनजाति की उत्पत्ति कोलारियन जाति से मानी जाती है। माना जाता है कि वे मध्य प्रदेश के मूल निवासी हैं।
सहरिया जनजाति की अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराएं हैं। उनकी भाषा सहरिया है, जो एक भिली भाषा है। वे प्रकृति पूजक हैं और कई देवी-देवताओं की पूजा करते हैं।
सहरिया जनजाति पितृसत्तात्मक है। मुखिया पुरुष परिवार का मुखिया होता है। विवाह बहुविवाही होते हैं, और चचेरे भाई-बहनों के बीच विवाह आम है।
सहरिया जनजाति मुख्य रूप से शिकारी-संग्रहकर्ता हैं। वे जंगलों से भोजन और अन्य वस्तुएं इकट्ठा करते हैं। वे कृषि भी करते हैं, और बाजरा और मक्का उनकी मुख्य फसलें हैं।
सहरिया जनजाति की साक्षरता दर बहुत कम है। उनके पास स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच है।
सरकार ने सहरिया जनजाति के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार के लिए सुविधाएं प्रदान करना शामिल है।
सहरिया जनजाति कई चुनौतियों का सामना करती है। इनमें गरीबी, भूख, अशिक्षा और स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं। वे भेदभाव और शोषण का भी शिकार होते हैं।
Leave a Reply