मध्यप्रदेश में असंरक्षित वन
मध्यप्रदेश में, 2021 की भारतीय वन रिपोर्ट के अनुसार, 24.48% वन क्षेत्र असंरक्षित है। इसका मतलब है कि 94,689 वर्ग किलोमीटर के कुल वन क्षेत्र में से 23,242 वर्ग किलोमीटर असुरक्षित वन क्षेत्र है।
असंरक्षित वनों के प्रकार:
असंरक्षित वनों को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- सामुदायिक वन: ये वन स्थानीय समुदायों के स्वामित्व और प्रबंधन में होते हैं।
- निजी वन: ये वन निजी व्यक्तियों या कंपनियों के स्वामित्व में होते हैं।
- वृक्षारोपण: ये मानव द्वारा लगाए गए वन हैं, आमतौर पर लकड़ी या अन्य वन उपज के उत्पादन के लिए।
- अन्य: इसमें बंजर भूमि, चरागाह, और कृषि भूमि शामिल है जिसमें पेड़ों का घनत्व कम होता है।
असंरक्षित वनों का महत्व:
असंरक्षित वन, हालांकि संरक्षित वनों की तुलना में कम सुरक्षित होते हैं, फिर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
- जैव विविधता: असंरक्षित वन विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों का आवास प्रदान करते हैं, जिनमें कई लुप्तप्राय या खतरे में पड़ी प्रजातियां शामिल हैं।
- जलवायु परिवर्तन: असंरक्षित वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- आजीविका: असंरक्षित वन लाखों लोगों को लकड़ी, ईंधन, चारा, और अन्य वन उपज प्रदान करके आजीविका प्रदान करते हैं।
- मनोरंजन और पर्यटन: असंरक्षित वन मनोरंजन और पर्यटन के अवसर प्रदान करते हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाते हैं।
असंरक्षित वनों की चुनौतियाँ:
असंरक्षित वनों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें शामिल हैं:
- वनों की कटाई: असंरक्षित वनों को अक्सर अवैध वनों की कटाई के लिए लक्षित किया जाता है, जिससे वनों का नुकसान और क्षरण होता है।
- अतिक्रमण: असंरक्षित वनों को अक्सर कृषि, बुनियादी ढांचे के विकास, और अन्य उद्देश्यों के लिए अतिक्रमित किया जाता है।
- चराई: अत्यधिक चराई से वनस्पतियों को नुकसान हो सकता है और मिट्टी का क्षरण हो सकता है।
- जंगल की आग: जंगल की आग असंरक्षित वनों को नुकसान पहुंचा सकती है और वन्यजीवों को खतरा पैदा कर सकती है।
असंरक्षित वनों का प्रबंधन:
मध्यप्रदेश सरकार असंरक्षित वनों के प्रबंधन के लिए कई कदम उठा रही है, जिनमें शामिल हैं:
- समुदाय आधारित वन प्रबंधन: सरकार स्थानीय समुदायों को वन प्रबंधन में शामिल करने के लिए काम कर रही है, जिससे उन्हें वनों के संरक्षण और उपयोग में अधिक हिस्सेदारी मिल सके।
- वृक्षारोपण: सरकार बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चला रही है ताकि असंरक्षित वन क्षेत्र को बढ़ाया जा सके।
- जागरूकता बढ़ाना: सरकार लोगों को असंरक्षित वनों के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चला रही है।
- कानून प्रवर्तन: सरकार अवैध वनों की कटाई और अन्य वन अपराधों को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन प्रयासों को मजबूत कर रही है।
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