मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 2019 में संपूर्ण स्वच्छता अभियान शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य राज्य को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। यह अभियान महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर शुरू किया गया था।
अभियान के मुख्य लक्ष्य:
- राज्य में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए: 2019 तक, मध्यप्रदेश में 99.74% गाँव ओडीएफ घोषित किए गए थे।
- शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता में सुधार: अभियान के तहत, शहरों में कचरा प्रबंधन, सीवेज उपचार और सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाओं में सुधार पर ध्यान दिया गया है।
- जल निकायों की सफाई: अभियान के तहत नदियों, तालाबों और अन्य जल निकायों की सफाई की जा रही है।
- प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना: अभियान के तहत प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन पर ध्यान दिया गया है।
अभियान के तहत किए गए प्रमुख कार्य:
- ओडीएफ लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार ने गांवों में व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की।
- शहरी क्षेत्रों में, सरकार ने कचरा संग्रह और निपटान प्रणालियों में सुधार किया है।
- जल निकायों की सफाई के लिए, सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान (एसबीए) के तहत कई पहल की हैं।
- प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए, सरकार ने प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है और प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण को बढ़ावा दिया है।
अभियान का प्रभाव:
- संपूर्ण स्वच्छता अभियान के कारण मध्यप्रदेश में स्वच्छता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
- राज्य में ओडीएफ गांवों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- शहरी क्षेत्रों में सफाई में सुधार हुआ है।
- जल निकायों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
- प्लास्टिक प्रदूषण में कमी आई है।
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