मध्यप्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं चलाती है। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं निम्नलिखित हैं:
1. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा):
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) भारत सरकार द्वारा 2005 में शुरू की गई एक राष्ट्रीय योजना है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति वर्ष कम से कम 100 दिनों का गारंटीशुदा रोजगार प्रदान करके गरीबी और बेरोजगारी को कम करना है। मध्यप्रदेश मनरेगा योजना का सक्रिय रूप से कार्यान्वयन करने वाला राज्य है।
मध्यप्रदेश में मनरेगा:
- लाभार्थी: मनरेगा योजना के तहत, 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु के बीच के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले सभी वयस्क सदस्य जो काम करने के इच्छुक और सक्षम हैं, वे योजना के लाभार्थी बनने के पात्र हैं।
- रोजगार के अवसर: मनरेगा योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं, जैसे कि:
- कृषि कार्य: सिंचाई, बुवाई, कटाई, मढ़ाई, आदि।
- ग्रामीण अवसंरचना कार्य: सड़कों, पुलों, भवनों, तालाबों, आदि का निर्माण और मरम्मत।
- सार्वजनिक सेवाएं: आंगनबाड़ी, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों, आदि में सहायक कार्य।
- वेतन: मनरेगा योजना के तहत, श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाता है, जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।
- कार्यान्वयन: मनरेगा योजना को ग्राम पंचायतों द्वारा ग्रामीण स्तर पर कार्यान्वित किया जाता है।
मध्यप्रदेश में मनरेगा के लाभ:
- रोजगार सृजन: मनरेगा योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि की है, जिससे गरीबी और बेरोजगारी को कम करने में मदद मिली है।
- आय वृद्धि: मनरेगा योजना ने ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि की है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
- ग्रामीण अवसंरचना में सुधार: मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्यों ने ग्रामीण अवसंरचना में सुधार किया है, जिससे ग्रामीण लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
- महिला सशक्तिकरण: मनरेगा योजना ने महिला सशक्तिकरण में भी योगदान दिया है, क्योंकि महिलाएं योजना के तहत बड़ी संख्या में काम करती हैं।
मध्यप्रदेश में मनरेगा के सामने चुनौतियाँ:
- भ्रष्टाचार: मनरेगा योजना भ्रष्टाचार के आरोपों से ग्रस्त रही है।
- काम की कमी: कई बार, मनरेगा योजना के तहत पर्याप्त काम उपलब्ध नहीं होते हैं, जिससे श्रमिकों को निराशा होती है।
- कम वेतन: मनरेगा योजना के तहत न्यूनतम मजदूरी कई बार कम होती है, जिससे श्रमिकों को कठिनाई होती है।
- कौशल की कमी: कई श्रमिकों में आवश्यक कौशल की कमी होती है, जिसके कारण उन्हें काम खोजने में कठिनाई होती है।
2. संपूर्ण ग्रामीण विकास योजना (MGRY)
- मध्यप्रदेश में संपूर्ण ग्रामीण विकास योजना (MGRY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रीय योजना है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन करना है।
MGRY के तहत, ग्रामीण समुदायों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिनमें शामिल हैं:
- कृषि संबंधी कार्य: सिंचाई, भूमि सुधार, फसल उत्पादन, पशुपालन, मछली पालन, आदि।
- ग्रामीण अवसंरचना विकास: सड़क निर्माण, पुल निर्माण, स्कूल भवन निर्माण, स्वास्थ्य केंद्र निर्माण, आदि।
- सामाजिक विकास कार्यक्रम: शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कौशल विकास, आदि।
MGRY के तहत लाभार्थियों का चयन:
- MGRY के तहत लाभार्थियों का चयन आय मानदंड के आधार पर किया जाता है।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाएं और विकलांग व्यक्तियों को योजना के तहत प्राथमिकता दी जाती है।
MGRY के कार्यान्वयन:
- MGRY का कार्यान्वयन ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाता है।
- ग्राम सभाएं योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों की योजना बनाती हैं।
- ग्राम विकास अधिकारी (GDO) योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करते हैं।
MGRY के प्रभाव:
- MGRY ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि की है।
- इस योजना ने ग्रामीण अवसंरचना में सुधार किया है।
- MGRY ने ग्रामीण समुदायों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद की है।
यह मध्यप्रदेश में चल रही ग्रामीण विकास योजनाओं में से कुछ हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, कृषि, और आजीविका के अवसरों में सुधार करके ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
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