मध्य प्रदेश, भारत के हृदयस्थल में स्थित, एक व्यापक रेलवे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है जो राज्य के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता है और अंतरराज्यीय संपर्क प्रदान करता है।
मध्य प्रदेश रेलवे नेटवर्क की कुछ प्रमुख विशेषताएं:
1. विस्तार:
- कुल रेलमार्ग:
- मध्य प्रदेश में लगभग 5,000 किलोमीटर रेलमार्ग हैं।
- यह भारतीय रेलवे के कुल रेलमार्ग का लगभग 2.5% है।
- घनत्व:
- प्रति 1000 वर्ग किलोमीटर 54.2 किलोमीटर रेलमार्ग के साथ,
- मध्य प्रदेश में भारत का 11वां सबसे घना रेलवे नेटवर्क है।
2. क्षेत्रीय कनेक्टिविटी:
- मध्य प्रदेश पश्चिम-मध्य रेलवे जोन का हिस्सा है,
- जिसका मुख्यालय भोपाल में है।
- राज्य में रेलवे लाइनें उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में फैली हुई हैं।
- प्रमुख शहरों और कस्बों को रेल मार्ग द्वारा जोड़ा गया है।
3. प्रमुख रेलवे स्टेशन:
- भोपाल जंक्शन:
- यह मध्य प्रदेश का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है।
- यह राज्य की राजधानी में स्थित है।
- इंदौर जंक्शन:
- यह राज्य का दूसरा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है।
- यह राज्य के सबसे बड़े शहर में स्थित है।
- ग्वालियर जंक्शन:
- यह मध्य प्रदेश का तीसरा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है।
- यह राज्य के ऐतिहासिक शहर में स्थित है।
- जबलपुर जंक्शन:
- यह मध्य प्रदेश का चौथा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है।
- यह राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है।
- सागर जंक्शन:
- यह मध्य प्रदेश का पांचवां सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है।
- यह राज्य के मध्य भाग में स्थित है।
5. रेलवे विकास:
- मध्य प्रदेश सरकार राज्य में रेलवे नेटवर्क के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
- नई रेलवे लाइनें:
- कई नई रेलवे लाइनें
- विभिन्न शहरों और कस्बों को जोड़ने के लिए बनाई जा रही हैं।
रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर: मध्यप्रदेश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार काफी लिया जा रहा है। नई रेलवे लाइनें, प्लेटफार्म, और टर्मिनल्स की विकास की जा रही है।
रेलवे और पर्यटन: राज्य में कई पर्यटन स्थलों को रेलवे से जुड़ा हुआ है, जैसे कि खजुराहो, संतरेंगना, पचमढ़ी, बांधवगढ़ नेशनल पार्क, और भीमबेटका।
रेलवे सुरक्षा: सुरक्षा के मामले में रेलवे स्टेशनों और ट्रैक्स पर उच्च स्तर की जांच की जाती है। यात्री सुरक्षा और दुर्घटना प्रतिकार के लिए कई उपाय अपनाए जाते हैं।
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