राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा (PHC) प्रणाली का एक व्यापक नेटवर्क है जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा (PHC) प्रणाली का ढांचा:
1. ग्राम स्वास्थ्य उपकेंद्र (GHC):
ये सबसे छोटी स्वास्थ्य सुविधाएं हैं जो गांव स्तर पर स्थित हैं।
GHC में स्वास्थ्य कार्यकर्ता :
जीएचसी में आमतौर पर एक या दो स्वास्थ्य कार्यकर्ता होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आशा कार्यकर्ता: आशा कार्यकर्ता प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं जो गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा प्रदान करती हैं।
- मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर (MPHW): एमपीएचडब्ल्यू प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं जो प्राथमिक उपचार, टीकाकरण, दवा वितरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं।
GHC में उपलब्ध सुविधाएं:
- प्राथमिक उपचार
- मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाएं
- टीकाकरण
- दवा वितरण
- परिवार नियोजन परामर्श
- पोषण शिक्षा
- गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) के लिए स्क्रीनिंग
GHC ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने और इलाज करने में मदद कर सकता है। जीएचसी मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार करने, टीकाकरण कवरेज बढ़ाने और संचारी रोगों के प्रकोप को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
चुनौतियां
मध्यप्रदेश में 13,000 से अधिक जीएचसी हैं, जो राज्य के गांवों को व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं। हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जिनमें शामिल हैं:
- स्वास्थ्य कर्मियों की कमी: कई जीएचसी में केवल एक ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता होता है, जिससे उन्हें सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में कठिनाई होती है।
- दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति की कमी: कुछ जीएचसी में दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति की कमी होती है, जिससे रोगियों को उचित उपचार नहीं मिल पाता है।
- बुनियादी ढांचे की कमी: कुछ जीएचसी में भवन, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी होती है।
2. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center – CHC):
ये PHC से भी बड़े होते हैं और आमतौर पर 30-40 गांवों को कवर करते हैं। CHC में विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम होती है जो PHC द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के अलावा, शल्य चिकित्सा, प्रसूति, बाल रोग, स्त्री रोग और अन्य विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं।
CHC में उपलब्ध सेवाएं:
डॉक्टरों द्वारा परामर्श: CHC में विभिन्न विशेषज्ञ डॉक्टर जैसे कि सामान्य चिकित्सक, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, शल्य चिकित्सक, दंत चिकित्सक, नेत्र रोग विशेषज्ञ आदि उपलब्ध होते हैं।
प्रसव और मातृ स्वास्थ्य: CHC में प्रसवपूर्व देखभाल, प्रसव, प्रसवोत्तर देखभाल और नवजात शिशु देखभाल जैसी मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होती हैं।
आपातकालीन देखभाल: CHC में 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होती हैं, जिसमें प्राथमिक उपचार, दुर्घटना प्रबंधन, और गंभीर बीमारियों का प्रारंभिक स्थिरीकरण शामिल है।
विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं: CHC में शल्य चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नेत्र देखभाल, कान, नाक और गले (ENT) देखभाल, और क्षय रोग (TB) नियंत्रण जैसी विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होती हैं।
प्रयोगशाला जांच: CHC में रक्त परीक्षण, एक्स-रे, और अन्य बुनियादी प्रयोगशाला जांच की सुविधाएं उपलब्ध होती हैं।
दवा वितरण: CHC में आवश्यक दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति का वितरण किया जाता है।
टीकाकरण: CHC बच्चों और वयस्कों के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम: CHC स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं ताकि लोगों को बीमारियों से बचाव और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के बारे में शिक्षित किया जा सके।
CHC का महत्व:
- CHC ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं, जो अन्यथा उनके लिए दुर्गम हो सकती हैं।
- CHC प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और जिला अस्पतालों जैसी उच्च-स्तरीय सुविधाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी प्रदान करते हैं।
- CHC संचारी रोगों के प्रकोप को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में असमानता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा (PHC) प्रणाली की उपलब्धियां:
- PHC प्रणाली ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- बाल मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।
- टीकाकरण कवरेज में वृद्धि हुई है।
- संचारी रोगों के प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा (PHC) प्रणाली की चुनौतियाँ:
- स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव:
- ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और उप-स्वास्थ्य केंद्रों (SHC) की कमी।
- उपलब्ध स्वास्थ्य केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं और उपकरणों का अभाव।
- स्वास्थ्यकर्मियों की कमी:
- डॉक्टरों, नर्सों, और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की कमी।
- दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति और रुकने की समस्या।
- अवसरों का अभाव:
- प्रसवकालीन और नवजात स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव।
- टीकाकरण और प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं में कमी।
- संचार और परिवहन की कमी:
- दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुँचने के लिए परिवहन सुविधाओं का अभाव।
- जानकारी और शिक्षा के अभाव में स्वास्थ्य सेवाओं का सही उपयोग नहीं हो पाता।
- वित्तीय संसाधनों की कमी:
- स्वास्थ्य सेवाओं के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी।
- स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन और रखरखाव में आर्थिक दिक्कतें।
- दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति की कमी:
- कुछ जीएचसी में दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति की कमी होती है, जिससे रोगियों को उचित उपचार नहीं मिल पाता है।
सुधार के प्रयास:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM):
- आयुष्मान भारत योजना: इस योजना के तहत ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स’ की स्थापना की जा रही है, जो प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाते हैं।
- जननी सुरक्षा योजना: गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव और नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति और प्रशिक्षण:
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति और उन्हें विशेष प्रोत्साहन देना।
- स्वास्थ्यकर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन।
- इंफ्रास्ट्रक्चर विकास:
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण और नवीनीकरण।
- स्वास्थ्य केंद्रों में बुनियादी सुविधाएँ और उपकरण उपलब्ध कराना।
- टीकाकरण और रोग नियंत्रण कार्यक्रम:
- मिशन इन्द्रधनुष: बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण अभियान।
- रोग नियंत्रण कार्यक्रम: मलेरिया, तपेदिक, एचआईवी/एड्स, और अन्य संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए विशेष कार्यक्रम।
- मोबाइल हेल्थ यूनिट्स (MHU):
- दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुँचाने के लिए मोबाइल हेल्थ यूनिट्स का संचालन।
- एमएचयू के माध्यम से टीकाकरण, प्राथमिक चिकित्सा, और अन्य स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना।
- स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता:
- ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता अभियान।
- रेडियो, टीवी, और अन्य मीडिया माध्यमों के जरिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारी फैलाना।
- संचार और परिवहन सुधार:
- स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुँचने के लिए बेहतर परिवहन सुविधाएँ प्रदान करना।
- टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ सेवाओं का विस्तार।
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