मध्य प्रदेश में प्रमुख खनिज उद्योगों में शामिल हैं:
1. लौह एवं इस्पात उद्योग:
- राज्य में लौह एवं इस्पात उद्योग का विशाल आधार है।
- भोपाल, ग्वालियर और कुसमी में स्थित विशाल इस्पात संयंत्र भारत में कच्चे लोहे और इस्पात के प्रमुख उत्पादकों में शामिल हैं।
- प्रमुख कंपनियां:
- भिलाई स्टील प्लांट (BSP)
- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL)
- टाटा स्टील लिमिटेड
- उत्पादन:
- 2022-23: 25 मिलियन टन कच्चा लोहा और 20 मिलियन टन इस्पात
2. तांबा खनन और प्रसंस्करण:
- मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा तांबा उत्पादक राज्य है।
- छिंदवाड़ा जिले में स्थित मलाजखंड और अमरकंटक खदानें राज्य में तांबे के प्रमुख स्रोत हैं।
- प्रमुख कंपनियां:
- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL)
- वेदांता रिसोर्सेज
- उत्पादन:
- 2022-23: 100,000 टन तांबा
3. सीमेंट उद्योग:
- मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य है।
- राज्य में 70 से अधिक सीमेंट संयंत्र हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 90 मिलियन टन से अधिक है।
- प्रमुख कंपनियां:
- अल्ट्राटेक सीमेंट
- ACC लिमिटेड
- JK सीमेंट
- श्री सीमेंट
- होलसीम सीमेंट
- उत्पादन:
- 2022-23: 90 मिलियन टन सीमेंट
4. अन्य खनिज आधारित उद्योग:
- मध्य प्रदेश सोना, चांदी, मैंगनीज, चूना पत्थर, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, फास्फोरस और डोलोमाइट सहित अन्य खनिजों का भी उत्पादन करता है।
- इन खनिजों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है, जैसे निर्माण, रसायन, कांच और सिरेमिक।
खनिज उद्योग का महत्व:
- मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में खनिज उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान है।
- यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 10% का योगदान देता है।
- खनिज उद्योग लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
- यह राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चुनौतियाँ और स्थायी विकास:
- अत्यधिक खनन से पर्यावरणीय क्षरण हो सकता है।
- खनिज संसाधन सीमित हैं, इसलिए टिकाऊ खनन प्रथाओं को अपनाना आवश्यक है।
- स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हितों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।
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