सूचना प्रौद्योगिकी और नई तकनीकी क्षेत्र
युवा और उद्यमिता (Youth and Entrepreneurship)
- स्टार्टअप इकोसिस्टम (Startup Ecosystem):
- मध्यप्रदेश में स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा रहा है, जिसमें ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति’ जैसी योजनाएँ शामिल हैं।
- राज्य में कई इन्क्यूबेशन सेंटर और वेंचर कैपिटल फंड्स स्थापित किए गए हैं।
- युवाओं के लिए उद्यमिता कार्यक्रम:
- युवा उद्यमियों को समर्थन देने के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना’ जैसी योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
- विभिन्न उद्यमिता विकास संस्थान और नेटवर्किंग प्लेटफार्म स्थापित किए गए हैं।
- शिक्षा और प्रशिक्षण:
- उद्यमिता और प्रबंधन के क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विभिन्न संस्थान स्थापित किए गए हैं।
- स्कूल और कॉलेज स्तर पर उद्यमिता कोर्सेज और वर्कशॉप्स का आयोजन किया जा रहा है।
विकास की दृष्टि 2025 और 2030
1. आर्थिक विकास
2025 की दृष्टि:
- कृषि और उद्योग: कृषि उत्पादन में वृद्धि और कृषि आधारित उद्योगों का विकास। राज्य में कृषि के साथ-साथ उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की स्थापना।
- MSME: लघु और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन देकर रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना।
- विदेशी निवेश: विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतिगत सुधार और निवेशकों के लिए सुविधाजनक वातावरण का निर्माण।
2030 की दृष्टि:
- डिजिटल अर्थव्यवस्था: डिजिटल तकनीकियों का व्यापक उपयोग और डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को प्राप्त करना।
- स्मार्ट सिटी: सभी प्रमुख शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना, जहां तकनीकी सुविधाएं, स्वच्छता, और सतत विकास के सिद्धांत लागू हों।
- सस्टेनेबल इंडस्ट्री: उद्योगों में पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए सतत विकास को सुनिश्चित करना।
2. सस्टेनेबल डेवलपमेंट
2025 की दृष्टि:
- पर्यावरण संरक्षण: वनों और जल संसाधनों का संरक्षण, स्वच्छता अभियान और कचरा प्रबंधन।
- नवीकरणीय ऊर्जा: सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं का विस्तार, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो।
2030 की दृष्टि:
- कार्बन न्यूट्रैलिटी: राज्य को कार्बन न्यूट्रैलिटी की दिशा में अग्रसर करना।
- ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर: पर्यावरण अनुकूल इमारतों और इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।
- वास्तविक समय पर्यावरण निगरानी: पर्यावरण की गुणवत्ता की निगरानी और सुधार के लिए स्मार्ट तकनीकों का उपयोग।
3. शिक्षा और स्वास्थ्य
2025 की दृष्टि:
- शिक्षा में सुधार: सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना, डिजिटल शिक्षा का प्रसार और शिक्षकों का प्रशिक्षण।
- स्वास्थ्य सेवाएँ: प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण, सभी के लिए सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएँ।
2030 की दृष्टि:
- उच्च शिक्षा में सुधार: अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना, उच्च शिक्षा में वैश्विक मानकों का पालन।
- स्वास्थ्य में तकनीकी सुधार: टेलीमेडिसिन और स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीकी सुधार, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ सके।
- निवारक स्वास्थ्य सेवाएँ: निवारक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करना।
4. इंफ्रास्ट्रक्चर विकास
2025 की दृष्टि:
- सड़कों और परिवहन: राज्य भर में सड़कों और परिवहन नेटवर्क का विस्तार, ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी केंद्रों से जोड़ना।
- आधुनिक परिवहन: सार्वजनिक परिवहन के साधनों का उन्नयन और इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोत्साहन।
2030 की दृष्टि:
- स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन: स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम का विकास, जिसमें यातायात प्रबंधन और सार्वजनिक परिवहन का स्मार्ट उपयोग शामिल हो।
- वाटर मैनेजमेंट: जल संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन और बाढ़ एवं सूखे की रोकथाम के उपाय।
5. ग्रामीण विकास
2025 की दृष्टि:
- कृषि में नवाचार: आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रसार, किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और उन्नत बीजों एवं उर्वरकों की उपलब्धता।
- ग्राम स्वराज अभियान: सभी गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार, जैसे बिजली, पानी, स्वच्छता और कनेक्टिविटी।
2030 की दृष्टि:
- कृषि से जुड़े उद्योग: कृषि से जुड़े उद्योगों का विकास, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
- स्मार्ट विलेज: स्मार्ट विलेज की अवधारणा को लागू करना, जहां डिजिटल सेवाएं, स्वच्छता, और सस्टेनेबल विकास को बढ़ावा मिले।
- सामाजिक और आर्थिक समावेश: ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक समावेश सुनिश्चित करना, जिससे सभी वर्गों को विकास का लाभ मिले।
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