मध्यप्रदेश में 94,689 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र है, जो राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का 30.71% है। यह क्षेत्रफल भारत के कुल वन क्षेत्र का 12.4% है, जो मध्यप्रदेश को देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला राज्य बनाता है।
वानिकी प्रबंधन:
मध्यप्रदेश सरकार वन संसाधनों के प्रबंधन के लिए कई कदम उठा रही है। इनमें शामिल हैं:
- वन विभाग: राज्य में वन विभाग है जो वनों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए जिम्मेदार है।
- वन समुदायों का संबलन: वानिकी प्रबंधन के तहत, स्थानीय वन समुदायों को संबलित किया जाता है ताकि वे वनों के प्रबंधन और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा
- सकें।
- वनों की विकास और संवर्धन: वानिकी प्रबंधन के माध्यम से वनों की विकास और संवर्धन की गई योजनाओं का पालन किया जाता है। इसमें वनों के स्थायी उपयोग, वृद्धि का वन्यजीवन, और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण शामिल होता है।
- वन्यजीवन एवं वन अभ्यारण्य प्रबंधन: वन्यजीवन संरक्षण के लिए विभिन्न अभ्यारण्य और वन क्षेत्रों का प्रबंधन किया जाता है। इसमें वन्यजीवन के अध्ययन, मॉनिटरिंग, और संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम शामिल होते हैं।
- जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: वन्यजीवन और वनों के लिए जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है और उनके लिए सही अनुकूल उपाय अपनाए जाते हैं।
- कृषि और वन संबंध: मध्यप्रदेश में वन क्षेत्रों के अलावा कृषि और बागवानी का प्रबंधन भी किया जाता है, ताकि यह वन्यजीवन के संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक लाभ भी प्रदान कर सकें।
- वनीकरण कार्यक्रम: राज्य सरकार बड़े पैमाने पर वनीकरण कार्यक्रम चला रही है, जिसके तहत हर साल लाखों पेड़ लगाए जाते हैं।
- संरक्षित क्षेत्रों का प्रबंधन: राज्य सरकार राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों, और आरक्षित वनों का प्रबंधन करती है ताकि वन्यजीवों और प्राकृतिक आवासों की रक्षा की जा सके।
वन संरक्षण:
मध्यप्रदेश में वनों को कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें वनों की कटाई, अवैध शिकार, और जंगल की आग शामिल हैं। इन खतरों से निपटने के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है, जिनमें शामिल हैं:
वन संरक्षण की आवश्यकता:
- जलवायु परिवर्तन: वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं।
- जैव विविधता: वन पौधों और जानवरों की अविश्वसनीय विविधता का घर हैं।
- जल संसाधन: वन नदियों और जल स्रोतों के लिए महत्वपूर्ण जलग्रहण क्षेत्र प्रदान करते हैं।
- मिट्टी का क्षरण: वन मिट्टी को बांधकर मिट्टी के क्षरण को रोकने में मदद करते हैं।
- आर्थिक महत्व: वन लकड़ी, ईंधन, चारा, और अन्य वन उपज प्रदान करते हैं।
चुनौतियाँ:
- वनों की कटाई: वनों की कटाई मध्यप्रदेश में वनों के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
- अतिक्रमण: वनों का अतिक्रमण भी एक गंभीर समस्या है।
- शिकार: अवैध शिकार वन्यजीवों के लिए खतरा है।
- जंगल की आग: जंगल की आग वनों को नष्ट कर सकती है और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा सकती है।
- खनन: खनन से वनस्पतियों और प्राकृतिक आवासों को नुकसान हो सकता है।
आगे की राह
- कानूनों का सख्ती से लागू करना: वन संरक्षण के लिए कानूनों का सख्ती से लागू करना महत्वपूर्ण है।
- संरक्षित क्षेत्रों का विस्तार: संरक्षित क्षेत्रों का विस्तार करने से वन्यजीवों और प्राकृतिक आवासों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
- टिकाऊ वन प्रबंधन: वनों का प्रबंधन टिकाऊ तरीके से किया जाना चाहिए ताकि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए बने रह सकें।
- स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना: वन प्रबंधन में स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है।
- जागरूकता बढ़ाना: वन संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
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