मध्यप्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और यह अपने समृद्ध वन संसाधनों के लिए जाना जाता है। 2021 की भारतीय वन रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश में 94,689 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र है, जो राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का 30.71% है। यह क्षेत्रफल भारत के कुल वन क्षेत्र का 12.4% है, जिससे मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला राज्य बन जाता है।
वन संसाधनों का वितरण:
मध्यप्रदेश के वन क्षेत्र का वितरण असमान है।
प्रमुख वन प्रकार:
मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले प्रमुख वन प्रकारों में शामिल हैं:
1. शुष्क पतझड़ी वन (Dry deciduous forest):
राज्य का लगभग 58.59% क्षेत्रफल शुष्क पतझड़ी वनों से आच्छादित है। यह वन प्रकार राज्य के सभी भागों में पाया जाता है, लेकिन यह विशेष रूप से उत्तरी, पश्चिमी, और दक्षिणी भागों में प्रचलित है।
शुष्क पतझड़ी वनों की विशेषताएं:
- जलवायु: शुष्क पतझड़ी वन 700 से 1700 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। गर्मियों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि सर्दियाँ अपेक्षाकृत हल्की होती हैं।
- मिट्टी: शुष्क पतझड़ी वन लाल, बलुई मिट्टी पर उगते हैं जो रेतीली और चट्टानी हो सकती हैं।
- वनस्पति: शुष्क पतझड़ी वनों में पाए जाने वाले पेड़ ज्यादातर पतझड़ी होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे शुष्क मौसम में अपने पत्ते गिरा देते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले कुछ सामान्य पेड़ों में साल, तेंदू, खैर, बबूल, और कुल्लू शामिल हैं।
- जीवन-जंतु: शुष्क पतझड़ी वन विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का निवास स्थान हैं, जिनमें बाघ, हाथी, चीतल, सांबर, चित्तीदार हिरण, और नीलगाय शामिल हैं।
शुष्क पतझड़ी वनों का महत्व:
- जलग्रहण क्षेत्र: शुष्क पतझड़ी वन नदियों और जल स्रोतों के लिए महत्वपूर्ण जलग्रहण क्षेत्र प्रदान करते हैं।
- मिट्टी का क्षरण रोकना: शुष्क पतझड़ी वन मिट्टी के क्षरण को रोकने में मदद करते हैं।
- जैव विविधता: शुष्क पतझड़ी वन पौधों और जानवरों की विस्तृत विविधता का समर्थन करते हैं।
- जलवायु परिवर्तन को कम करना: शुष्क पतझड़ी वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं।
- आर्थिक महत्व: शुष्क पतझड़ी वन लकड़ी, ईंधन, चारा, और अन्य वन उपज प्रदान करते हैं।
शुष्क पतझड़ी वनों का खतरा:
- वनों की कटाई: वनों की कटाई शुष्क पतझड़ी वनों के सामने सबसे बड़ा खतरा है। वनों की कटाई से मिट्टी का क्षरण, बाढ़, और सूखा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- अतिचरन: अतिचरन से वनस्पतियों को नुकसान हो सकता है और मिट्टी का क्षरण हो सकता है।
- जंगल की आग: जंगल की आग शुष्क पतझड़ी वनों को नष्ट कर सकती है और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा सकती है।
- खनन: खनन से वनस्पतियों और प्राकृतिक आवासों को नुकसान हो सकता है।
2. आर्द्र पतझड़ी वन (Humid deciduous forest):
यह वन प्रकार राज्य के दक्षिणी और पूर्वी भागों में पाया जाता है, और कुल वन क्षेत्र का 24.97% हिस्सा है। इन वनों में सागौन, तीखर, और बांस जैसे पेड़ पाए जाते हैं।
आर्द्र पतझड़ी वनों की विशेषताएं:
- जलवायु: आर्द्र पतझड़ी वन 700 से 2000 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। गर्मियों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि सर्दियाँ अपेक्षाकृत हल्की होती हैं।
- मिट्टी: आर्द्र पतझड़ी वन लाल, बलुई मिट्टी पर उगते हैं जो गहरी और उपजाऊ होती हैं।
- वनस्पति: आर्द्र पतझड़ी वनों में पाए जाने वाले पेड़ ज्यादातर पतझड़ी होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे शुष्क मौसम में अपने पत्ते गिरा देते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले कुछ सामान्य पेड़ों में सागौन, तीखर, बांस, महोगनी, और साल शामिल हैं।
- जीवन-जंतु: आर्द्र पतझड़ी वन विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का निवास स्थान हैं, जिनमें बाघ, हाथी, चीतल, सांबर, चित्तीदार हिरण, और गौर शामिल हैं।
आर्द्र पतझड़ी वनों का महत्व:
- जलग्रहण क्षेत्र: आर्द्र पतझड़ी वन नदियों और जल स्रोतों के लिए महत्वपूर्ण जलग्रहण क्षेत्र प्रदान करते हैं।
- मिट्टी का क्षरण रोकना: आर्द्र पतझड़ी वन मिट्टी के क्षरण को रोकने में मदद करते हैं।
- जैव विविधता: आर्द्र पतझड़ी वन पौधों और जानवरों की विस्तृत विविधता का समर्थन करते हैं।
- जलवायु परिवर्तन को कम करना: आर्द्र पतझड़ी वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं।
- आर्थिक महत्व: आर्द्र पतझड़ी वन लकड़ी, ईंधन, चारा, और अन्य वन उपज प्रदान करते हैं।
आर्द्र पतझड़ी वनों का खतरा:
- वनों की कटाई: वनों की कटाई आर्द्र पतझड़ी वनों के सामने सबसे बड़ा खतरा है। वनों की कटाई से मिट्टी का क्षरण, बाढ़, और सूखा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- अतिचरन: अतिचरन से वनस्पतियों को नुकसान हो सकता है और मिट्टी का क्षरण हो सकता है।
- जंगल की आग: जंगल की आग आर्द्र पतझड़ी वनों को नष्ट कर सकती है और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा सकती है।
- खनन: खनन से वनस्पतियों और प्राकृतिक आवासों को नुकसान हो सकता है।
3. ट्रॉपिकल सदाबहार वन (Tropical evergreen forest):
राज्य का लगभग 5.88% क्षेत्रफल उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों से आच्छादित है। यह वन प्रकार राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी भागों में पाया जाता है, विशेष रूप से सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में।
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों की विशेषताएं:
- जलवायु: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन 2000 से 4000 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। तापमान साल भर गर्म रहता है, जिसमें औसत तापमान 25 डिग्री सेल्सियस होता है।
- मिट्टी: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन लाल, लेटराइटिक मिट्टी पर उगते हैं जो गहरी और उपजाऊ होती है।
- वनस्पति: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन घने और बहुस्तरीय होते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले पेड़ ज्यादातर सदाबहार होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे साल भर अपने पत्ते बनाए रखते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले कुछ सामान्य पेड़ों में साल, महोगनी, तंबाकू, और काली मिर्च शामिल हैं।
- जीवन-जंतु: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का निवास स्थान हैं, जिनमें हाथी, बाघ, गौर, चिंपैंजी, और लंगूर शामिल हैं।
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों का महत्व:
- जलग्रहण क्षेत्र: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन नदियों और जल स्रोतों के लिए महत्वपूर्ण जलग्रहण क्षेत्र प्रदान करते हैं।
- मिट्टी का क्षरण रोकना: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन मिट्टी के क्षरण को रोकने में मदद करते हैं।
- जैव विविधता: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पौधों और जानवरों की विस्तृत विविधता का समर्थन करते हैं।
- जलवायु परिवर्तन को कम करना: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं।
- आर्थिक महत्व: उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन लकड़ी, औषधीय पौधे, और मसाले प्रदान करते हैं।
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों का खतरा:
- वनों की कटाई: वनों की कटाई उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों के सामने सबसे बड़ा खतरा है। वनों की कटाई से मिट्टी का क्षरण, बाढ़, और सूखा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- शिकार: शिकार से वन्यजीवों की आबादी में गिरावट आ सकती है।
- खनन: खनन से वनस्पतियों और प्राकृतिक आवासों को नुकसान हो सकता है।
- पर्यटन: अनियंत्रित पर्यटन से वनस्पतियों और प्राकृतिक आवासों को नुकसान हो सकता है।
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