किसानों की समस्याएँ:
1. कम आय और अनिश्चितता:
- किसानों की आय अक्सर कम और अनिश्चित होती है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव, फसल विफलता और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होती है।
- ऋण बोझ, बिजली की कमी, और सिंचाई सुविधाओं की कमी भी किसानों की आय को कम करने वाले कारक हैं।
2. सिंचाई की कमी:
- मध्यप्रदेश में कम वर्षा होती है, जिसके कारण सिंचाई के लिए पानी की कमी होती है।
- भूजल स्तर गिर रहा है और नहरों और जलाशयों में पानी की कमी है।
- यह किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई करने और अच्छी पैदावार प्राप्त करने में मुश्किलें पैदा करता है।
3. ऋण बोझ:
- कई किसान बैंकों और साहूकारों से भारी ऋण लेते हैं।
- ऋण चुकाने में असमर्थता के कारण, वे ऋण जाल में फंस जाते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती है।
4. बिजली की कमी:
- बिजली की कमी किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है, खासकर सिंचाई के लिए।
- बिजली कटौती और अनियमित बिजली आपूर्ति किसानों को अपनी फसलों को समय पर सिंचाई करने से रोकती है।
5. बाजार की कमी और कम कीमतें:
- किसानों को अपनी उपज के लिए उचित मूल्य नहीं मिल पाता है, जिससे उनकी आय कम होती है।
- बिचौलिए अक्सर किसानों का शोषण करते हैं और कम कीमतों पर उपज खरीदते हैं।
- भंडारण और परिवहन सुविधाओं की कमी भी किसानों को अपनी उपज को बाजार तक पहुंचाने में मुश्किलें पैदा करती है।
6. प्राकृतिक आपदाएं:
- सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं और किसानों की आय को कम करती हैं।
- इन आपदाओं से बचाव और राहत के लिए अपर्याप्त सरकारी सहायता भी किसानों की समस्याओं को बढ़ाती है।
7. पुरानी तकनीक और कम जानकारी:
- कई किसान पारंपरिक और पुरानी कृषि तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिससे उत्पादकता कम होती है।
- आधुनिक कृषि तकनीकों और उन्नत बीजों के बारे में जागरूकता की कमी भी किसानों की समस्याओं में से एक है।
8. युवाओं का पलायन:
- बेहतर अवसरों की तलाश में युवा गांवों से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
- इससे ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम की कमी हो रही है, जिससे किसानों को अपनी फसलों की कटाई और अन्य कृषि कार्यों में कठिनाई हो रही है।
सरकारी योजनाएं:
मध्यप्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को हल करने और उनकी स्थिति में सुधार करने के लिए कई योजनाएं चला रही है।
- भूमि सुधार और भूमि अधिकार:
- भूमि सुधार: भूमि सुधार कार्यक्रम गरीबी मुक्त भारत अभियान के तहत चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब और आत्महत्या करने वाले किसानों को जमीन का मालिकाना हक प्रदान करना है। इसमें भूमि सुधार, भूमि न्याय, और भूमि अधिग्रहण के अधिकार सम्बंधित होते हैं।
- फसल बीमा और ऋण माफी:
- फसल बीमा: यह योजना किसानों को अपनी फसल के नुकसान से बचाने के लिए उपलब्ध है। इसके तहत, किसानों को अनुदान और बीमा की सुविधा प्रदान की जाती है ताकि वे अपने किसानी का संरक्षण कर सकें।
- ऋण माफी: किसानों के ऋण माफी के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएं होती हैं जो उन्हें विभिन्न कारणों से उठाई गई कर्ज से मुक्ति प्रदान करती हैं। इससे किसानों को आर्थिक संकट से बचने में मदद मिलती है।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN):
- यह योजना किसानों को सीधे आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसके तहत, किसानों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की सहायता दी जाती है, जो कि तीन महीने के अंतराल से किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC):
- किसान क्रेडिट कार्ड का उद्देश्य किसानों को सस्ते ऋण की सुविधा प्रदान करना है। यह कार्ड किसानों को विभिन्न कृषि संबंधित वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने में मदद करता है और उन्हें अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी प्रदान करता है।
- मुख्यमंत्री किसान निधि योजना: इस योजना के तहत, किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- सूखा राहत योजना: सूखे से प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता और अन्य राहत प्रदान की जाती है।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना: इस योजना के तहत, पात्र किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- अंत्योदय किसान योजना: गरीब किसानों को कृषि उपकरण, बीज और उर्वरक खरीदने के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है।
- कृषि ऋण योजना: किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान किया जाता है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को बीमा कवर प्रदान किया जाता है।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: किसानों को अपनी मिट्टी की उर्वरता स्तर जानने और उचित उर्वरक और खाद के उपयोग के लिए सलाह प्राप्त करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए जाते हैं।
- ई-चौपाल योजना: किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों, बाजार की जानकारी और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए ई-चौपाल स्थापित किए गए हैं।
- भवांतर भुगतान योजना: इस योजना के तहत किसानों को मौसमी आपदा, असामान्य बारिश या अन्य आपदाओं के कारण हुए नुकसान का भुगतान किया जाता है।
- कृषि उद्यानिकी योजना: इस योजना के तहत कृषि उपज के लिए उद्यानिकी विकास को प्रोत्साहित किया जाता है।
- पारंपरिक खेती विकास योजना: इसके अंतर्गत पारंपरिक खेती को सुधारने और उन्नत करने के लिए विभिन्न तकनीकियों और प्रणालियों का प्रदान किया जाता है।
- किसान बीमा योजना: इस योजना के तहत किसानों को विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं और रोगों से हुए नुकसान का भुगतान किया जाता है।
- कृषि यंत्र सब्सिडी योजना: किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएँ हैं, जो कृषि कार्यों को समृद्धिशाली बनाने में मदद करती हैं।
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