मध्यप्रदेश में बाल विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण में सुधार करना है। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं निम्नलिखित हैं:
1. एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS):
एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान करना है। मध्यप्रदेश में, यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित की जाती है।
योजना के उद्देश्य:
- बच्चों का सर्वांगीण विकास: यह योजना बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास करती है।
- पोषण में सुधार: योजना का लक्ष्य कुपोषण को कम करना और बच्चों को स्वस्थ भोजन प्रदान करना है।
- स्वास्थ्य देखभाल: योजना के तहत बच्चों को नियमित टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और उपचार प्रदान किए जाते हैं।
- शिक्षा और पूर्व-विद्यालय प्रशिक्षण: योजना बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान करती है और उन्हें औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करती है।
- महिला सशक्तिकरण: यह योजना महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरूक बनाती है और उन्हें उनके बच्चों की बेहतर देखभाल करने में सक्षम बनाती है।
योजना के लाभ:
- आंगनवाड़ी केंद्र: योजना के तहत, प्रत्येक गांव में एक आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किया जाता है, जो बच्चों को पोषण आहार, पूर्व-विद्यालय शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
- पूरक पोषण आहार: गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 महीने से 3 साल तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार प्रदान किया जाता है।
- टीकाकरण: बच्चों को सभी आवश्यक टीके लगाए जाते हैं।
- स्वास्थ्य जांच: बच्चों की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच की जाती है और उन्हें आवश्यक उपचार प्रदान किए जाते हैं।
- पूर्व-विद्यालय शिक्षा: बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान की जाती है, जो उन्हें औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करती है।
पात्रता:
- आयु: 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चे इस योजना के लिए पात्र हैं।
- निवास: मध्यप्रदेश में निवास करने वाले बच्चे इस योजना के लिए पात्र हैं।
2. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK):
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य 0 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों में जन्मजात विकारों, विकासात्मक देरी, विकलांगता और बचपन के रोगों सहित 30 स्वास्थ्य स्थितियों की शीघ्र पहचान और प्रबंधन सुनिश्चित करना है। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत चलाया जाता है।
मध्यप्रदेश में RBSK
मध्यप्रदेश में, आरबीएसके को राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा लागू किया जाता है। कार्यक्रम के तहत, राज्य में निम्नलिखित गतिविधियां आयोजित की जाती हैं:
- स्क्रीनिंग: 0-18 वर्ष की आयु के सभी बच्चों की जन्मजात विकारों, विकासात्मक देरी, विकलांगता और बचपन के रोगों के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूलों और स्वास्थ्य सुविधाओं में स्क्रीनिंग की जाती है।
- पहचान: स्क्रीनिंग के दौरान पहचाने गए बच्चों को आगे की जांच और उपचार के लिए रेफर किया जाता है।
- उपचार: 30 स्वास्थ्य स्थितियों के लिए निःशुल्क उपचार सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रदान किया जाता है।
- जागरूकता: समुदायों को बाल स्वास्थ्य और आरबीएसके के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाते हैं।
RBSK के लाभ
- यह बच्चों में जन्मजात विकारों, विकासात्मक देरी, विकलांगता और बचपन के रोगों का शीघ्र पता लगाने और उपचार में मदद करता है।
- यह बाल मृत्यु दर और विकलांगता दर को कम करने में मदद करता है।
- यह बच्चों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।
- यह माता-पिता और समुदायों को बाल स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करता है।
3. बाल संरक्षण योजना: यह योजना निराश्रित, अनाथ और शोषित बच्चों के लिए सुरक्षा और पुनर्वास प्रदान करती है।
4. प्रधानमंत्री पोषण योजना: यह योजना 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मुफ्त भोजन प्रदान करती है।
5. सक्षम बाल योजना: यह योजना विकलांग बच्चों को शिक्षा और पुनर्वास के लिए सहायता प्रदान करती है।
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