प्राचीन काल
पाषाण युग मध्य प्रदेश में पाषाण युग की अनेक महत्त्वपूर्ण धरोहरों की खोज हुई है। भीमबैठिका की गुफाएं, जो मध्य प्रदेश में स्थित हैं, पाषाण युग के मानव जीवन के महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रदान करती हैं।
महाजनपदों का काल मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से सोलह महाजनपदों में शामिल थे। इनमें अवंती, चेदि और वत्स प्रमुख थे।
मौर्य साम्राज्य मौर्य साम्राज्य के काल में मध्य प्रदेश का अधिकांश हिस्सा इस साम्राज्य का हिस्सा था। इस काल में मध्य प्रदेश में कई महत्वपूर्ण नगरों का विकास हुआ, जिनमें उज्जैन, विदिशा और महिष्मति प्रमुख थे।
गुप्त साम्राज्य गुप्त साम्राज्य के काल में मध्य प्रदेश में कला और संस्कृति का विकास हुआ। इस काल में अनेक महत्त्वपूर्ण मंदिरों का निर्माण हुआ, जिनमें खजुराहो मंदिरों की श्रृंखला प्रमुख है।
मध्यकाल
परमार वंश: परमार वंश का शासन मध्य प्रदेश के इतिहास में एक स्वर्णिम युग माना जाता है। परमार राजा भोज ने मध्य प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
चंदेल वंश: चंदेल वंश ने मध्य प्रदेश में 10वीं से 13वीं शताब्दी तक शासन किया। चंदेल राजाओं ने मध्य प्रदेश में अनेक महत्त्वपूर्ण मंदिरों का निर्माण करवाया, जिनमें खजुराहो मंदिरों की श्रृंखला प्रमुख है।
गोंड वंश: गोंड वंश ने मध्य प्रदेश के दक्षिणी भाग में 13वीं से 18वीं शताब्दी तक शासन किया। गोंड राजाओं ने मध्य प्रदेश में अनेक महत्त्वपूर्ण किलों और दुर्गों का निर्माण करवाया।
आधुनिक काल
मुगल साम्राज्य: मुगल साम्राज्य के काल में मध्य प्रदेश का अधिकांश हिस्सा इस साम्राज्य का हिस्सा था। इस काल में मध्य प्रदेश में कला और संस्कृति का विकास हुआ।
ब्रिटिश शासन: 18वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मध्य प्रदेश पर अपना अधिकार स्थापित किया। ब्रिटिश शासन के दौरान मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास हुआ।
स्वतंत्रता संग्राम: मध्य प्रदेश में भी स्वतंत्रता संग्राम में व्यापक जनभागीदारी रही। इस काल में अनेक महत्त्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानियों ने मध्य प्रदेश से निकलकर स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। मध्य प्रदेश राज्य का गठन: 1 नवंबर, 1956 को मध्य प्रदेश राज्य का गठन हुआ।
मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंश
स्वतंत्रता के बाद: भारत की स्वतंत्रता के बाद, मध्य प्रदेश को एक राज्य बनाया गया। मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंश हैहय वंश वितिहोत्र वंश प्रद्योत वंश मांडू सल्तनत
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