माही नदी मध्य प्रदेश के साथ-साथ पश्चिमी भारत की भी एक प्रमुख नदी मानी जाती है जिसका उद्गम मध्य प्रदेश के धार नामक जिले में स्थित विंध्याचल पर्वत श्रेणी से हुआ है। माही नदी मध्य प्रदेश के झाबुआ, रतलाम एवं धार जिलों से होकर गुजरात एवं राजस्थान राज्य से होती हुई खंभात की खाड़ी के माध्यम से अरब सागर में जाकर मिल जाती है। माही नदी की कुल लंबाई लगभग 576 किलोमीटर है। माही नदी को ‘पृथ्वी की पुत्री’ एवं ‘महति’ के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी भारत की एकमात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को दो बार विभाजित करती है।
माही नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के धार जिले में विंध्याचल पर्वतमाला से होता है। यह नदी पश्चिम दिशा में बहते हुए राजस्थान और फिर गुजरात में प्रवेश करती है, जहाँ यह खंभात की खाड़ी में मिलती है।
माही नदी मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के धार जिले से होकर गुजरती है। इस जिले में इसका उद्गम स्थल और प्रारंभिक प्रवाह होता है।
माही नदी का पानी सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है। मध्य प्रदेश के धार जिले के कई गांव और कस्बे इस नदी के पानी का उपयोग कृषि के लिए करते हैं। नदी पर बने बाँध और नहरें खेतों को आवश्यक पानी उपलब्ध कराती हैं, जिससे फसलों की उपज बढ़ती है।
माही नदी पर जलविद्युत परियोजनाएँ भी स्थापित की गई हैं, जैसे माही बजाज सागर परियोजना। ये परियोजनाएँ बिजली उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं और स्थानीय और राज्य स्तर पर ऊर्जा की आवश्यकता पूरी करती हैं।
माही नदी का पर्यावरणीय महत्व भी बहुत अधिक है। इसके आसपास के क्षेत्र में विविध प्रकार की वनस्पति और जीव-जंतु पाए जाते हैं। नदी के किनारे बसे वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
माही नदी और इसके आसपास के क्षेत्र में कई पर्यटन स्थल हैं। इसके किनारे स्थित प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। माही बाँध और उसके आसपास के क्षेत्र भी पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
माही नदी स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। नदी में मछली पकड़ने और अन्य जल संसाधनों का उपयोग स्थानीय लोगों के जीवन-यापन के साधन हैं।
माही नदी पर बने बाँध और जलाशय बाढ़ नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये संरचनाएँ बाढ़ के दौरान अतिरिक्त पानी को संग्रहीत करके बाढ़ के प्रभाव को कम करती हैं।
माही नदी के पानी का उपयोग विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में किया जाता है, जैसे कि कृषि, मछली पालन और पर्यटन। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करती है और लोगों के जीवन स्तर को सुधारती है।
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