मध्यप्रदेश में मध्य भारत का पठार एक महत्वपूर्ण भूभाग है, जो अपनी भूगर्भीय संरचना, प्राकृतिक सौंदर्य, और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यह पठार विंध्याचल और सतपुड़ा पहाड़ियों के बीच स्थित है। इस क्षेत्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
भौगोलिक स्थिति
- स्थिति: मध्य भारत का पठार मध्यप्रदेश के केंद्र में स्थित है और इसका विस्तार राज्य के विभिन्न जिलों में फैला हुआ है।
- सीमाएँ: इसके उत्तर में विंध्याचल पर्वत श्रेणी और दक्षिण में सतपुड़ा पर्वत श्रेणी है। यह पश्चिम में मालवा के पठार और पूर्व में बघेलखंड से जुड़ा हुआ है।
भौतिक विशेषताएँ
- ऊँचाई: मध्य भारत का पठार समुद्र तल से लगभग 300 से 600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह पठार असमतल है, जिसमें ऊँची-नीची पहाड़ियाँ और मैदान शामिल हैं।
- मिट्टी: यहाँ की मिट्टी मुख्यतः काली, लाल और लैटराइट प्रकार की है, जो कृषि के लिए उपयुक्त है। काली मिट्टी कपास, सोयाबीन, और मूंगफली की फसल के लिए उपयुक्त है।
- नदियाँ: यह क्षेत्र नदियों का उद्गम स्थल है। प्रमुख नदियाँ जैसे नर्मदा, ताप्ती, और चंबल यहाँ से बहती हैं। ये नदियाँ कृषि और पेयजल के लिए महत्वपूर्ण हैं।
जलवायु
- प्रकार: मध्य भारत के पठार की जलवायु उप-उष्णकटिबंधीय है, जिसमें गर्मियों में उच्च तापमान और सर्दियों में मध्यम तापमान होता है।
- वर्षा: यहाँ पर मानसूनी वर्षा होती है, जो जून से सितंबर तक चलती है। वार्षिक वर्षा औसतन 800-1200 मिमी होती है।
कृषि
- फसलें: मध्य भारत के पठार में कृषि प्रमुख गतिविधि है। यहाँ की प्रमुख फसलें गेहूँ, धान, सोयाबीन, चना, तिलहन और मूंगफली हैं।
- सिंचाई: सिंचाई के लिए नदियों, नहरों, और तालाबों का उपयोग किया जाता है। जल संरक्षण के लिए कूएँ और बोरवेल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
- प्राचीन स्थल: इस क्षेत्र में कई प्राचीन ऐतिहासिक स्थल और धरोहर हैं। साँची का स्तूप, भीमबेटका की गुफाएँ और उदयगिरि की गुफाएँ विश्व धरोहर स्थल हैं।
- धार्मिक स्थल: यहाँ पर कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं, जैसे उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, और चित्रकूट।
- सांस्कृतिक धरोहर: मध्य भारत का पठार सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध है। यहाँ की लोक कला, नृत्य, संगीत और हस्तशिल्प प्रसिद्ध हैं। यहाँ के लोक नृत्य जैसे भगोरिया और तेरहताली विशेष रूप से लोकप्रिय हैं।
पर्यटन
- पर्यटन स्थल: यहाँ पर कई पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। साँची का स्तूप, भीमबेटका की गुफाएँ, कान्हा नेशनल पार्क और पचमढ़ी जैसे स्थल यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं।
- राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य: मध्य भारत के पठार में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य हैं, जैसे कान्हा नेशनल पार्क, पन्ना नेशनल पार्क, और बांधवगढ़ नेशनल पार्क। ये स्थल जैव विविधता और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
आर्थिक महत्व
- खनिज संसाधन: इस क्षेत्र में खनिज संसाधनों की प्रचुरता है। यहाँ पर लौह अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर और कोयला खनिज पाए जाते हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।
- औद्योगिक विकास: मध्य भारत का पठार औद्योगिक विकास का भी केंद्र है। यहाँ पर कई बड़े उद्योग स्थापित हैं, जो राज्य की आर्थिक प्रगति में सहायक हैं।
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