अगरिया जनजाति मध्यप्रदेश की प्रमुख जनजातियों में से एक है जो मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के शहडोल नामक जिले में निवास करते हैं। माना जाता है कि अगरिया जनजाति गोंड की उप जनजाति है। यह लोग मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भी निवास करते हैं। अगरिया जनजाति के सदस्य हिंदी एवं छत्तीसगढ़ी भाषा का अनुसरण करते हैं। अंग्रेजों के समय में अगरिया जनजाति के सदस्य लोहे के खनन एवं लोहे को पिघलाकर धातु बनाने का कार्य किया करते थे। इनके प्रमुख देवता का नाम लोहासुर है जिनका निवास स्थान आग की भट्टियों में है। यह लोग दशहरा एवं फाल्गुन माह में लोहा गलाकर उसके यंत्रों की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि अगरिया जनजाति के सदस्यों में टैटू खुदवाने का एक पुराना रिवाज है। इसके अलावा यह लोग उड़द की दाल को सबसे पवित्र मानते हैं जिसका उपयोग वह विवाह एवं अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर करते हैं।
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