- यूरोपीय शक्तियों के बीच संघर्ष का संदर्भ मुख्य रूप से 15वीं से 20वीं शताब्दी के बीच के काल में आता है, जब यूरोप की प्रमुख शक्तियाँ अपने साम्राज्य का विस्तार करने, नए उपनिवेश स्थापित करने और वैश्विक व्यापार मार्गों पर नियंत्रण करने के लिए आपस में संघर्षरत थीं।
- इस संघर्ष का सबसे महत्वपूर्ण कारण आर्थिक लाभ, भूमि और संसाधनों पर कब्जा, और राजनीतिक वर्चस्व की स्थापना था।
इन संघर्षों में से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
स्पेन और पुर्तगाल के बीच संघर्ष:-
- 15वीं और 16वीं शताब्दी में, स्पेन और पुर्तगाल के बीच अमेरिका और एशिया के नए खोजे गए क्षेत्रों पर अधिकार को लेकर संघर्ष हुआ।
- इस संघर्ष को शांत करने के लिए 1494 में टॉर्डेसिलास की संधि की गई, जिसके तहत विश्व को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया।
1.पृष्ठभूमि:-
- 15वीं शताब्दी में, यूरोप में समुद्री मार्गों की खोज की होड़ शुरू हो गई थी।
- पुर्तगाल और स्पेन, दोनों देश इस दौड़ में अग्रणी थे।
- पुर्तगाल के वास्को दा गामा ने 1498 में भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज की, जबकि स्पेन के क्रिस्टोफर कोलंबस ने 1492 में अमेरिका की खोज की।
- इन खोजों ने दोनों देशों के बीच वैश्विक व्यापार और नए क्षेत्रों पर अधिकार को लेकर संघर्ष को बढ़ावा दिया।
2. टॉर्डेसिलास की संधि (Treaty of Tordesillas) – 1494
- इस संघर्ष को हल करने के लिए, स्पेन और पुर्तगाल ने 1494 में टॉर्डेसिलास की संधि पर हस्ताक्षर किए।
- इस संधि के अनुसार, विश्व को एक काल्पनिक रेखा के माध्यम से दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया।
- यह रेखा अटलांटिक महासागर के मध्य से होकर गुजरती थी, जिसके तहत रेखा के पश्चिमी हिस्से के सभी नए खोजे गए क्षेत्र स्पेन के अधिकार में और पूर्वी हिस्से के सभी नए क्षेत्र पुर्तगाल के अधिकार में आ गए।
- इस संधि के तहत ब्राजील का पूर्वी हिस्सा पुर्तगाल को मिला, जो कि बाद में पुर्तगाल का सबसे महत्वपूर्ण उपनिवेश बना।
3. व्यापार मार्गों और उपनिवेशों पर संघर्ष:-
- इस संधि के बावजूद, स्पेन और पुर्तगाल के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष जारी रहा।
- दोनों देशों ने अफ्रीका, एशिया, और दक्षिण अमेरिका में अपने-अपने उपनिवेश स्थापित करने की कोशिश की, जिससे संघर्ष की स्थिति बनी रही।
- उदाहरण के लिए, एशिया में मसाला द्वीपों (Spice Islands) पर अधिकार को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव था।
- हालांकि, इस विवाद को बाद में सैरागोसा की संधि (Treaty of Zaragoza) 1529 के माध्यम से हल किया गया, जिसमें एशिया के कुछ क्षेत्रों पर पुर्तगाल का अधिकार स्वीकार किया गया।
4. सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव:-
- इस संघर्ष का न केवल राजनीतिक बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव भी पड़ा।
- दोनों देशों ने अपने-अपने उपनिवेशों में कैथोलिक धर्म का प्रसार किया और स्थानीय संस्कृतियों को यूरोपीय प्रभाव के अधीन किया।
- विशेष रूप से, पुर्तगाल के ब्राजील और स्पेन के लैटिन अमेरिकी उपनिवेशों में यूरोपीय संस्कृति, भाषा और धर्म का गहरा प्रभाव पड़ा।
5. परिणाम:-
- स्पेन और पुर्तगाल के बीच हुए इन संघर्षों का परिणाम यह हुआ कि 16वीं शताब्दी तक दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े औपनिवेशिक साम्राज्यों में से एक बन गए।
- लेकिन 17वीं शताब्दी के बाद, ब्रिटेन, फ्रांस, और नीदरलैंड्स जैसी अन्य यूरोपीय शक्तियाँ भी औपनिवेशिक दौड़ में शामिल हो गईं, जिससे स्पेन और पुर्तगाल की स्थिति कमजोर हो गई।
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