प्राचीन भारत की प्रमुख पुस्तकें
1-अष्टाध्यायी
- पाणिनि द्वारा लिखित “अष्टाध्यायी” संस्कृत व्याकरण का प्रमुख ग्रंथ है।
- इसमें व्याकरण के नियम, धातु, विभक्ति, सन्धि, और वाक्यरचना के विषय में विस्तृत ज्ञान दिया गया है।
- यह ग्रंथ संस्कृत भाषा की महत्वपूर्ण स्थापना माना जाता है और भारतीय साहित्य और विद्यालयों में आज भी उपयोग होता है। पाणिनी
2-रामायण
- रामायण भारतीय साहित्य का एक प्रमुख काव्य है और इसे महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया है।
- इसमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, और हनुमान जैसे प्रमुख पात्रों के चरित्र और उनके जीवन की कथा वर्णित है।
- यह ग्रंथ धर्म, नैतिकता, प्रेम, और सेवा के विषय में सीख देता है और भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है।
3-महाभारत
- महाभारत भारतीय साहित्य का एक महाकाव्य है और इसे वेदव्यास द्वारा लिखा गया है।
- यह कथानक के माध्यम से महाभारतीय इतिहास, धर्म, दार्शनिक विचार, और मानवीय जीवन की महत्वपूर्ण सिख देता है।
- इसमें महाभारतीय युद्ध, पाण्डव-कौरव परिवार, भगवान कृष्ण की उपस्थिति, और अनेक धार्मिक और दार्शनिक बातें सम्मिलित हैं।
4-अर्थशास्त्र
- अर्थशास्त्र का ज्ञान प्राचीनकाल में बहुत महत्वपूर्ण था।
- इसे आचार्य चाणक्य द्वारा लिखित ग्रंथ “अर्थशास्त्र” में प्रस्तुत किया गया है।
- इस ग्रंथ में आर्थिक व्यवस्था, राजनीति, और नीति-नियमों के विषय में व्यापक ज्ञान है।
- इसे आज भी व्यापार, नीति विज्ञान, और आर्थिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना जाता है।
5-महाभाष्य
- महाभाष्य ग्रंथ भाष्यात्मक साहित्य का एक महत्वपूर्ण संग्रह है।
- यह संस्कृत भाषा के नियमों, व्याकरण, वाक्यरचना और शब्दावली को समझने के लिए महत्वपूर्ण स्रोत है।
- महाभाष्य ग्रंथ का लेखक महर्षि पाणिनि माने जाते हैं, जिन्होंने संस्कृत व्याकरण को प्रणयनीय और सरल बनाने के लिए अपना योगदान दिया।
- इस ग्रंथ का विस्तारित अध्ययन संस्कृत भाषा के विद्वानों और शिक्षाओं के लिए आवश्यक है। पतंजलि
6-सत्सहसारिका सूत्र
- सत्सहसारिका सूत्र एक महत्वपूर्ण गणितीय ग्रंथ है, जिसे महर्षि नागार्जुन ने लिखा है।
- यह ग्रंथ मध्य प्राचीन काल में भारतीय गणित के विकास के लिए महत्वपूर्ण संसाधन है।
- सत्सहसारिका सूत्र में विभिन्न गणितीय सूत्रों और नियमों का संग्रह है, जो गणित की विभिन्न शाखाओं में उपयोगी हैं।
- इस ग्रंथ में संख्या विज्ञान, अंकगणित, ज्यामिति, और भौतिकी जैसे गणितीय विषयों पर विस्तृत ज्ञान दिया गया है।
- नागार्जुन के ये सूत्र गणितीय संबंधित विषयों को सरल और संक्षेप्त ढंग से समझने में मदद करते हैं।
- इसके अलावा, इस ग्रंथ में गणित के सिद्धांतों, नियमों और तर्कों का विवरण भी मिलता है। नागार्जुन
7-बुद्धचरित
- बुद्धचरित एक महत्वपूर्ण प्राचीन ग्रंथ है, जो महाकवि आश्वघोष द्वारा लिखा गया है।
- यह काव्यात्मक रूप में गौतम बुद्ध के जीवन, उपदेश और उनके महान कर्मों का वर्णन करता है।
- बुद्धचरित का अनुवाद “बुद्ध के चरित्र” या “बुद्ध का जीवन चरित्र” होता है।
- इस ग्रंथ में बुद्ध के जीवन के महत्वपूर्ण पल, उनके बाल्यावस्था, साधना, वैराग्य, बोधिसत्त्व के मार्ग पर चलना, उनकी महापरिनिष्ठा, और उनके उपदेशों का वर्णन किया गया है।
- यह ग्रंथ उनकी जीवनी के माध्यम से उनके उपदेशों को समझने और उनके आदर्शों को अनुसरण करने की प्रेरणा देता है।
8-सौंदरानन्द
- सौन्दरानन्दकाव्यम्, अश्वघोष कृत संस्कृत ग्रन्थ है। यह ग्रन्थ बुद्ध के सौतेले भाई आनन्द के बौद्ध धर्म में दीक्षित होने के प्रसंग पर आधारित है। अश्वघोष
9-महाविभाषाशास्त्र वसुमित्र
10- स्वप्नवासवदत्ता भास
11-कामसूत्र वात्स्यायन
12-कुमारसंभवम् कालिदास
13-अभिज्ञानशकुंतलम् कालिदास
14-विक्रमोउर्वशियां कालिदास
15-मेघदूत कालिदास
16-रघुवंशम् कालिदास
17-मालविकाग्निमित्रम् कालिदास
18-नाट्यशास्त्र भरतमुनि
19-देवीचंद्रगुप्तम विशाखदत्त
20-मृच्छकटिकम् शूद्रक
21-सूर्य सिद्धान्त आर्यभट्ट
22-वृहतसिंता बरामिहिर
23-पंचतंत्र विष्णु शर्मा
24-कथासरित्सागर सोमदेव
25-अभिधम्मकोश वसुबन्धु
26-मुद्राराक्षस विशाखदत्त
27-रावणवध। भटिट
28-किरातार्जुनीयम् भारवि
29-दशकुमारचरितम् दंडी
30-हर्षचरित वाणभट्ट
31-कादंबरी वाणभट्ट
32-वासवदत्ता सुबंधु
33-नागानंद हर्षवधन
34-रत्नावली हर्षवर्धन
35-प्रियदर्शिका हर्षवर्धन
36-मालतीमाधव भवभूति
37-पृथ्वीराज विजय जयानक
38-कर्पूरमंजरी राजशेखर
39-काव्यमीमांसा राजशेखर
40-विक्रमांकदेवचरित बिल्हण
41-गीतगोविन्द जयदेव
42-पृथ्वीराजरासो चंदरवरदाई
43-राजतरंगिणी कल्हण
44-रासमाला सोमेश्वर
45-रामचरित सन्धयाकरनंदी
46-आरण्यक :-
- आरण्यक वेदों के एक अध्याय हैं और इसमें तपस्या, यज्ञ, और आध्यात्मिक जीवन के विषय में ज्ञान प्रदान किया गया है।
- ये ग्रंथ ऋषियों और साधुओं के आध्यात्मिक अनुभवों को दर्शाते हैं और मानवीय जीवन में आध्यात्मिकता के महत्व को समझाते हैं।
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