- गुप्तकाल में धर्म, कला, साहित्य और ज्ञान-विज्ञान की अदभुत प्रगति हुई।
- इसलिए, अनेक विद्वानो ने गुप्तकाल को स्वर्णयुग का काल माना है।
- कवियों ने प्रशस्तिया लिखी. प्रयाग एवं मंदसौर की प्रशस्तिया क्रमशः हरिशेण और वसूल ने लिखी।
- इस समय के सबसे प्रख्यात कवि और नाटकार महाकवि कालिदास थे।
गुप्तकालीन नाटको एवं नाटककारो की सूची :-
नाटक – नाटककार
- मालविकाग्निमित्रम् – कालिदास
- विक्रमोर्वशीयम्- कालिदास
- अभिज्ञानशाकुन्तलम्- कालिदास
- मुद्राराक्षसम्- विशाखदत्त
- देवीचन्द्रगुप्तम- विशाखदत्त
- मृच्छकटिकम्- शूद्रक
- स्वप्नवासवदत्तम- भास
- प्रतिज्ञायौगंधरायणकम्- भास
- चारुदत्तम्- भास
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