पुरापाषाण युग (Paleolithic Age) मानव सभ्यता का सबसे लंबा और प्रारंभिक कालखंड है, जो लगभग 33 लाख वर्ष पूर्व से 12,000 ईसा पूर्व तक फैला हुआ है। इस काल में मनुष्य सरल पत्थर के औजारों का उपयोग करके जीवित रहते थे, शिकार करते थे, जंगली पौधे इकट्ठा करते थे, और खानाबदोश जीवन जीते थे। यह मानव संस्कृति का काल है जिसका कोई लिखित अभिलेख उपलब्ध नहीं है। इस काल के इतिहास का अध्ययन पुरातात्विक साक्ष्यों से ही किया जाता है।
प्राग ऐतिहासिक काल के स्रोत:-
- लिखित रिकॉर्डों के अभाव में शिल्पकृतियाँ या भौतिक अवशेष ही प्राक् – इतिहास को समझने के प्राथमिक स्रोत हैं। भौतिक अवशेष अधिकांशतः पत्थर के औज़ारों, पशु-अवशेषों, नृ- जीवाश्मों, जैव-तथ्यों और सांस्कृतिक भू-दृश्यों के रूप में उपलब्ध हैं।
रोबर्ट ब्रूस फूटे भारत में पुरातत्व के जनक जनक” हैं। उन्होंने पहली बार 1863 में तमिलनाडु के बजरी के गड्ढे में एक हाथ की कुल्हाडी (पुरापाषाण उपकरण) की खोज की।
1.पुरापाषाण युग (1.6 मिलियन- 8,000 ईसा पूर्व) :-पुरापाषाण युग को हिमयुग भी कहा जाता है क्योंकि पूरी पृथ्वी बर्फ से ढकी हुई थी और पृथ्वी पर सूर्य की रोशनी का आना एक दुर्लभ अवसर था चूंकि मौसम बहुत ठंडा था, इसलिए पौधे और मनुष्य जीवित नहीं रह सकते थे। लेकिन, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मानव जीवन पाया जाता था क्योंकि वहाँ बर्फ पिघल जाती थी
पुरापाषाण युग की प्रमुख विशेषताएं:
- पत्थर के औजारों का उपयोग: पुरापाषाण युग को पत्थर के औजारों के उपयोग की विशेषता है। इनमें छिलकेदार पत्थर, हाथ की कुल्हाड़ी, स्क्रैपर, और नुकीले पत्थर शामिल थे।
- शिकार और संग्रहण: पुरापाषाण युग के लोग मुख्य रूप से शिकारी-संग्रहकर्ता थे। वे जंगली जानवरों का शिकार करते थे और जंगलों से फल, जड़ें और अन्य खाद्य पदार्थ एकत्र करते थे।
- खानाबदोश जीवन शैली: पुरापाषाण युग के लोग खानाबदोश थे, यानी वे भोजन और आश्रय के स्रोतों की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते थे।
- छोटे समूह: वे आमतौर पर छोटे समूहों में रहते थे, जिसमें कुछ दर्जन से अधिक लोग नहीं होते थे।
- आग का उपयोग: आग का उपयोग पुरापाषाण युग के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण खोज थी। इसका उपयोग भोजन पकाने, गर्म रहने, और शिकारियों को दूर रखने के लिए किया जाता था।
- कला का विकास: पुरापाषाण युग के लोगों ने गुफा चित्रों और मूर्तियों के रूप में कला का निर्माण किया।
- भाषा और संचार: यद्यपि पुरापाषाण युग में लिखित भाषा का कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन मानव ने ध्वनि और संकेतों के माध्यम से संचार करना शुरू किया था।
- सामाजिक संरचना: छोटे समूहों में रहने वाले पुरापाषाण युग के लोग सामूहिक शिकार और भोजन संग्रहण के लिए मिलकर काम करते थे।
- विकसित शारीरिक संरचना: इस काल में, मनुष्यों की शारीरिक संरचना विकसित हुई, जिससे उन्हें अधिक कुशलतापूर्वक शिकार करने और जीवित रहने में मदद मिली।
पुरापाषाण काल में मनुष्य अलग-अलग समय में अलग-अलग तरह के पाषाण उपकरणों का उपयोग कर रहा था। इन्हीं पाषाण उपकरणों के आधार पर इतिहासकारों ने पुरापाषाण काल को पुनः तीन काल खंडों में विभाजित किया है। ये हैं- निम्न पुरापाषाण काल, मध्य पुरापाषाण काल और उच्च पुरापाषाण काल।
पुरापाषाण युग के प्रमुख उप-काल:
- निम्न पुरापाषाण/प्रारंभिक पुरापाषाण युग/अधो पाषाण युग (Lower Paleolithic)
- मध्य पुरापाषाण (Middle Paleolithic)
- उच्च पुरापाषाण (Upper Paleolithic)
पुरापाषाण युग का महत्व:
पुरापाषाण युग मानव सभ्यता के विकास में एक महत्वपूर्ण काल था। इस कालखंड में, मनुष्यों ने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किए और कौशल विकसित किए जिन्होंने उन्हें जीवित रहने और पनपने में मदद की।
- पत्थर के औजारों का आविष्कार: पत्थर के औजारों के आविष्कार ने मनुष्यों को अधिक कुशलतापूर्वक शिकार करने, भोजन इकट्ठा करने और उपकरण बनाने में सक्षम बनाया।
- आग का उपयोग: आग का उपयोग मनुष्यों के लिए एक महत्वपूर्ण खोज थी। इसका उपयोग भोजन पकाने, गर्म रहने, और शिकारियों को दूर रखने के लिए किया जाता था।
- कला का विकास: पुरापाषाण युग
उदाहरण:
- आफ्रीका: ओल्डुवई कण्ठ (Olduvai Gorge) तंजानिया में, जहां प्रारंभिक मानव के औजारों और हड्डियों के अवशेष मिले हैं।
- यूरोप: फ्रांस की गुफाओं में मिली चित्रकला, जैसे लास्को गुफाएँ (Lascaux Caves), इस युग के उत्कृष्ट कला के उदाहरण हैं।
- भारत में: भीमबेटका की गुफाएँ, जहां पुरापाषाण युग के शैलचित्र मिले हैं।
Leave a Reply