विश्व व्यापार संगठन (WTO) के कृषि पर समझौते (Agreement on Agriculture – AoA) का उद्देश्य वैश्विक कृषि व्यापार में अनुशासन और पारदर्शिता लाना है। इसके अंतर्गत विभिन्न देशों को अपनी कृषि सब्सिडी और समर्थन उपायों को कुछ निश्चित मानकों के अनुसार सीमित करना पड़ता है। इसमें सकल सहायता व्यवस्था (AMS), विभिन्न पेटियों (हरित, पीली, नीली), और निर्यात छूट शामिल हैं।
सकल सहायता व्यवस्था (Aggregate Measurement of Support – AMS):
- AMS एक देश की ओर से दी गई व्यापार-प्रतिबंधात्मक सब्सिडी की कुल राशि को मापता है।
- WTO के सदस्य देशों को अपनी AMS सीमाओं के भीतर रहकर कृषि सब्सिडी प्रदान करनी होती है।
- यदि किसी देश की AMS WTO द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है, तो उसे अपनी सब्सिडी नीतियों को संशोधित करना होता है।
भारत की कृषि सब्सिडी व्यवस्था:
भारत में कृषि सब्सिडी विभिन्न प्रकार की होती है, जैसे कि इनपुट सब्सिडी (उर्वरक, बीज, बिजली, सिंचाई), समर्थन मूल्य, और अन्य वित्तीय सहायता। इन सब्सिडी को WTO की विभिन्न पेटियों में वर्गीकृत किया जाता है।
पेटियाँ (Boxes):
WTO के कृषि पर समझौते में सब्सिडी को तीन पेटियों में विभाजित किया गया है: हरित, पीली, और नीली।
- हरित पेटी (Green Box):
- यह पेटी उन सब्सिडियों को शामिल करती है जो व्यापार को विकृत नहीं करती या बहुत कम विकृत करती हैं।
- इसमें अनुसंधान, प्रशिक्षण, पर्यावरणीय कार्यक्रम, और बुनियादी ढांचे में निवेश जैसी सब्सिडियाँ शामिल हैं।
- हरित पेटी में दी गई सब्सिडियाँ अप्रतिबंधित होती हैं, अर्थात इन पर कोई सीमा नहीं होती।
- पीली पेटी (Amber Box):
- यह पेटी उन सब्सिडियों को शामिल करती है जो उत्पादन और व्यापार को विकृत कर सकती हैं।
- समर्थन मूल्य (MSP) और इनपुट सब्सिडी (उर्वरक, बिजली) जैसी सब्सिडियाँ इस श्रेणी में आती हैं।
- पीली पेटी की सब्सिडियाँ AMS की सीमा में शामिल होती हैं, और सदस्य देशों को इन्हें नियंत्रित रखना होता है।
- नीली पेटी (Blue Box):
- यह पेटी उन सब्सिडियों को शामिल करती है जो उत्पादन को सीमित करने के लिए दी जाती हैं।
- इसका उद्देश्य उत्पादन को नियंत्रित रखना और व्यापार विकृति को कम करना है।
- इस पेटी में दी गई सब्सिडियों पर भी कुछ सीमा होती है, लेकिन यह AMS में शामिल नहीं होती।
निर्यात छूट (Export Subsidies):
- निर्यात छूट कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए दी जाती है।
- WTO के नियमों के तहत, निर्यात छूट को धीरे-धीरे समाप्त करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह वैश्विक व्यापार में असंतुलन पैदा कर सकती है।
- भारत ने WTO के तहत निर्यात छूट को कम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
कृषि उत्पादों के निर्यात पर सब्सिडी:
- भारत में कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की सब्सिडी दी जाती है, जैसे कि ट्रांसपोर्ट सब्सिडी, विपणन सहायता, और अन्य वित्तीय प्रोत्साहन।
- WTO के नियमों के अनुसार, निर्यात सब्सिडियों को समय के साथ कम करने की आवश्यकता है, ताकि यह वैश्विक व्यापार के लिए निष्पक्ष हो।
भारत की स्थिति:
- भारत में कृषि सब्सिडी मुख्य रूप से किसानों की सुरक्षा और समर्थन के लिए दी जाती है।
- हरित पेटी में निवेश बढ़ाने और पीली पेटी की सब्सिडियों को नियंत्रण में रखने का प्रयास किया जा रहा है।
- निर्यात सब्सिडियों को WTO की आवश्यकताओं के अनुरूप कम करने के लिए योजनाएँ बनाई जा रही हैं।
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