बीस-सूत्री कार्यक्रम (Twenty-Point Program) 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा गरीबी उन्मूलन और समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारना था। इसे विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास की दिशा में कार्य करने के लिए तैयार किया गया था। 2006 में, इसे एक नए रूप में पुनः प्रारंभ किया गया और बीस-सूत्री कार्यक्रम 2006 (TPP-2006) के नाम से जाना गया।
बीस-सूत्री कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु:
- गरीबी उन्मूलन:
- गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएँ।
- रोजगार सृजन और स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
- रोजगार सृजन:
- मनरेगा जैसी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराना।
- शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा करना।
- शिक्षा:
- प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के प्रसार और सुधार के लिए योजनाएँ।
- वयस्क शिक्षा कार्यक्रम और साक्षरता अभियान।
- स्वास्थ्य:
- स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और सुधार।
- टीकाकरण अभियान और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ।
- आवास:
- गरीबों के लिए सस्ते और उपयुक्त आवास उपलब्ध कराना।
- स्लम क्षेत्रों का पुनर्विकास।
- खाद्य सुरक्षा:
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से सस्ते अनाज की उपलब्धता।
- गरीबों के लिए भोजन की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- कृषि और सिंचाई:
- कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए योजनाएँ।
- सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और सुधार।
- पशुपालन और डेयरी विकास:
- पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना।
- दुग्ध उत्पादन और पशुपालन की उत्पादकता बढ़ाना।
- सामाजिक सुरक्षा:
- वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांगता पेंशन जैसी योजनाएँ।
- सामाजिक सुरक्षा का विस्तार।
- पर्यावरण संरक्षण:
- वनीकरण और वृक्षारोपण कार्यक्रम।
- पर्यावरणीय जागरूकता और संरक्षण कार्यक्रम।
- हरित क्रांति:
- उन्नत कृषि तकनीकों और उपकरणों का उपयोग।
- उर्वरकों और कीटनाशकों का सही उपयोग।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME):
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देना।
- इन उद्योगों के लिए वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण।
- सड़कों और परिवहन:
- ग्रामीण सड़कों का निर्माण और सुधार।
- बेहतर परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
- जल संरक्षण:
- जल संरक्षण और जल प्रबंधन के कार्यक्रम।
- जल संसाधनों का कुशल उपयोग।
- ऊर्जा:
- ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति का विस्तार।
- ऊर्जा संरक्षण और अक्षय ऊर्जा स्रोतों का विकास।
- समाज सुधार:
- सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन।
- महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण।
- सांस्कृतिक विकास:
- सांस्कृतिक गतिविधियों और विरासत का संरक्षण।
- कला और संस्कृति का प्रोत्साहन।
- कानून और व्यवस्था:
- कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार।
- अपराध नियंत्रण और न्यायिक सुधार।
- विकासशील क्षेत्रों का विकास:
- पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों का समग्र विकास।
- क्षेत्रीय असंतुलन को कम करना।
- सशक्तिकरण:
- महिलाओं, बच्चों, और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए योजनाएँ।
- सामाजिक समरसता और समावेशी विकास को बढ़ावा देना।
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