भारतीय रिज़र्व बैंक (आर बी आई) भारत की मुख्य और स्वतंत्र वित्तीय प्राधिकरण है, जो भारतीय रुपया के मॉनेटरी पॉलिसी को निर्धारित करता है और वित्तीय संस्थाओं के लिए नियामक का कार्य करता है। इसे भारतीय रिजर्व सिस्टम का हिस्सा माना जाता है, जिसमें राष्ट्रीय संस्थान और राज्य संस्थान शामिल हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक की मुख्य भूमिकाएँ:
- मॉनेटरी पॉलिसी निर्धारण (monetary policy setting): आईआरबी भारतीय रुपया की मॉनेटरी पॉलिसी निर्धारित करता है, जिसमें ब्याज दरें, मुद्रा निर्यात और आयात के नियंत्रण, और वित्तीय विकास को बढ़ावा देना शामिल होता है।
- निर्वाचन और वित्तीय स्थिरता (Electoral and financial stability): आईआरबी बैंकों के लिए निर्वाचन का कार्य करता है, जिसमें रिझर्वेस, वित्तीय स्थिरता, और बैंकिंग संरचना के प्रशासनिक नियंत्रण शामिल होते हैं।
- वित्तीय बाजारों का नियामकन (Regulation of financial markets): आईआरबी वित्तीय संस्थाओं के संरचना, गणना, और अन्य वित्तीय बाजारों का नियामकन करता है।
- अंतरराष्ट्रीय संबंध (International Relation): आईआरबी भारतीय रुपया के अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं, जैसे कि विदेशी मुद्रा रिजर्व, को भी प्रबंधित करता है।
- वित्तीय प्रौद्योगिकी (Financial technology): आईआरबी वित्तीय प्रौद्योगिकी और नए वित्तीय प्रौद्योगिकी के विकास में भी नेतृत्व करता है।
- सर्वेक्षण और रिसर्च (Survey and Research): आईआरबी वित्तीय संस्थाओं के सर्वेक्षण और वित्तीय रिसर्च का निर्देशन करता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक की अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
- स्थापना: भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत।
- मुख्यालय: भारतीय रिज़र्व बैंक का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है, लेकिन इसके साथ अन्य कई क्षेत्रीय कार्यालय और शाखाएं भारत भर में हैं।
- गवर्नर: भारतीय रिज़र्व बैंक का गवर्नर उसके सर्वोच्च नेतृत्वीय पद होता है, जिसे वित्तीय नीतियों को निर्धारित करने और प्रबंधित करने का महत्वपूर्ण दायित्व होता है।
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