पुनर्बीमा (Reinsurance) एक प्रकार की बीमा है जिसमें एक बीमा कंपनी अपने बीमा रिस्क का भाग दूसरी बीमा कंपनियों या पुनर्बीमा कंपनियों को बेचती है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि बीमा कंपनियाँ बड़े और अनुप्रयुक्त रिस्क से बच सकें और अपने खुद के बाजार रिस्क को संतुष्ट कर सकें। आइये इसे एक उदाहरण से समझे :
- नियमित बीमा: आप किसी बीमा कंपनी से कार, घर या अपने स्वास्थ्य के लिए बीमा कराते हैं. यदि किसी दुर्घटना या बीमारी की स्थिति में आपको नुक़सान होता है, तो बीमा कंपनी आपको आर्थिक मदद करती है।
- पुनर्बीमा: मान लीजिए कि एक बीमा कंपनी ने पूरे शहर का भूकंप बीमा बेचा है. अगर कोई बड़ा भूकंप आता है, तो बीमा कंपनी को घरों और संपत्ति के भारी नुक़सान के लिए भुगतान करना पड़ सकता है। यह एक बहुत बड़ी रकम हो सकती है, जिसे चुकाना बीमा कंपनी के लिए मुश्किल हो सकता है।
यही वह जगह है जहां पुनर्बीमा आता है। पुनर्बीमा में, बीमा कंपनी खुद को आर्थिक जोखिम से बचाने के लिए एक अन्य बीमा कंपनी (जिसे पुनर्बीमाकर्ता कहा जाता है) से बीमा खरीदती है।
पुनर्बीमा के लाभ:
- बीमा कंपनियों के लिए वित्तीय स्थिरता: पुनर्बीमा बीमा कंपनियों को बड़े दावों के वित्तीय बोझ से बचाता है, जिससे उन्हें अधिक स्थिर और लाभदायक बनने में मदद मिलती है।
- अधिक बीमा कवरेज प्रदान करना: पुनर्बीमा बीमा कंपनियों को बड़े जोखिमों का बीमा करने की अनुमति देता है, जो वे अकेले लेने में सहज नहीं होंगे। इसका मतलब है कि वे उपभोक्ताओं को अधिक व्यापक बीमा कवरेज प्रदान कर सकते हैं।
- बाजार में स्थिरता: पुनर्बीमा पूरे बीमा बाजार में स्थिरता लाने में मदद करता है। बड़ी दावों की स्थिति में, पुनर्बीमा कंपनियां नुकसान को कई बीमा कंपनियों में बांट देती हैं, जिससे किसी एक कंपनी पर अत्यधिक बोझ नहीं पड़ता।
पुनर्बीमा के कुछ प्रकार:
- आनुपातिक पुनर्बीमा(Proportional Reinsurance): पुनर्बीमा अनुबंध के अनुसार, मूल बीमा कंपनी और पुनर्बीमाकर्ता दोनों दावा राशि का एक हिस्सा वहन करते हैं।
- गैर-आनुपातिक पुनर्बीमा(Non-proportional reinsurance): पुनर्बीमा अनुबंध के अनुसार, पुनर्बीमाकर्ता दावा राशि के एक निश्चित हिस्से का भुगतान करने के लिए सहमत होता है, जो दावा राशि के आकार पर निर्भर नहीं करता है।
पुनर्बीमा के मुख्य प्रकार:
- फैकुल्टेटिव पुनर्बीमा (Facultative Reinsurance):
- इसमें हर एक बीमा निवेशक अपने प्रत्येक बीमा रिस्क को अलग-अलग बीमा कंपनियों को बेचता है।
- यह प्रक्रिया प्रत्येक बीमा रिस्क के लिए अद्वितीय वित्तीय शर्तों पर निर्भर करती है।
- यह एक व्यक्तिगत प्रस्ताव होता है और नियत बीमा रिस्क के लिए होता है।
- तांत्रिक पुनर्बीमा (Treaty Reinsurance):
- इसमें बीमा निवेशक एक बड़ी राशि में बीमा रिस्क को बेचता है और इसे व्यापारिक या सांविधिक शर्तों पर कवर किया जाता है।
- यह एक समझौता होता है जिसमें बीमा निवेशक और पुनर्बीमा कंपनी के बीच अनुबंध होता है।
- यह अनुबंध आमतौर पर एक स्थिर समयावधि के लिए होता है और समझौते की शर्तों के अनुसार कई बीमा रिस्क को कवर करता है।
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