भारत में नियोजन का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को गति देना और समग्र समाज के कल्याण को सुनिश्चित करना है। योजनाएं विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए बनाई जाती हैं। नियोजन प्रक्रिया में केंद्रीय, राज्य, और स्थानीय स्तर पर समन्वय की आवश्यकता होती है।
विश्वेश्वरैया योजना (Visvesvaraya Plan)
फिक्की का प्रस्ताव (FICCI Proposal)
राष्ट्रीय योजना समिति (National Planning Committee)
गांधीवादी योजना (Gandhian Plan)
सर्वोदय योजना (Sarvodaya Plan)
योजना आयोग (Planning Commission)
राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council)
केंद्रीय नियोजन (Central Planning)
पंचवर्षीय योजनाएं (Five-Year Plans)
बीस-सूत्री कार्यक्रम (Twenty-Point Program)
सांसद स्थानीय क्षेत्रों का विकास योजना (MPLADS)
बहु-स्तरीय नियोजन (Multi-Level Planning)
विकेन्द्रित नियोजन (Decentralized Planning)
योजना आयोग तथा वित्त आयोग (Planning Commission and Finance Commission)
एक आलोचनात्मक मूल्यांकन (A Critical Evaluation)
1. नियोजन में ‘परिदृश्य’ की कमी (Lack of Vision in Planning)
2. संतुलित वृद्धि दर विकास को प्रोत्साहित करने में विफलता (Failure to Promote Balanced Growth)
3. नियोजन की अत्यधिक केंद्रित प्रकृति (Highly Centralized Nature of Planning)
4. दोषपूर्ण रोजगार नीति (Faulty Employment Policy)
5. सार्वजनिक क्षेत्र के उपविकारों पर अत्यधिक जोर (Overemphasis on Public Sector Enterprises)
6. कृषि पर उद्योग का आधिपत्य (Industrial Dominance over Agriculture)
7. दोषपूर्ण औद्योगिक स्थान-निर्धारण नीति (Faulty Industrial Location Policy)
8. गलत वित्तीय नीति (Faulty Financial Policy)
9. नियोजन प्रक्रिया का राजनीतिकरण (Politicization of the Planning Process)
समावेशी वृद्धि (Inclusive Growth)
समावेशी वृद्धि का उद्देश्य विकास के लाभ को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाना है।
दीर्घकालिक नीति (Long-Term Policy)
दीर्घकालिक नीति का उद्देश्य सतत विकास और स्थिरता को सुनिश्चित करना है।
संसाधन संघटन (Resource Mobilization)
विकास के लिए आवश्यक वित्तीय और भौतिक संसाधनों का प्रबंधन।
निवेश मॉडल (Investment Model)
चरण-एक (1951-69)
औद्योगिक बुनियादी ढांचे का निर्माण।
चरण-दो (1970-73)
हरित क्रांति और कृषि विकास।
चरण-तीन (1974-90)
बुनियादी ढांचे का विस्तार और उदारीकरण।
चरण-चार (1991 के बाद)
आर्थिक सुधार और वैश्वीकरण।
केंद्रीय क्षेत्र योजनाएं एवं केंद्र प्रायोजित योजनाएं (Central Sector Schemes and Centrally Sponsored Schemes)
केंद्रीय योजना सहायता (Central Plan Assistance)
राज्यों को विकास योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं की पुनर्संरचना (Restructuring of Centrally Sponsored Schemes)
केंद्र प्रायोजित योजनाओं का पुनर्गठन और समन्वय।
स्वतंत्र मूल्यांकन कार्यक्रम (Independent Evaluation Programme)
योजनाओं और कार्यक्रमों का स्वतंत्र मूल्यांकन।
कार्यक्रम मूल्यांकन संगठन (Programme Evaluation Organization)
योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभाव का मूल्यांकन।
संगठनात्मक ढाँचा (Organizational Structure)
नियोजन प्रक्रिया के लिए आवश्यक संगठनात्मक संरचना।
नियोजन योजना के रूप में मूल्यांकन (Evaluation as a Planning Tool)
योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा और सुधार।
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