भारत में विभिन्न प्रकार के कर लागू होते हैं जो विभिन्न आर्थिक गतिविधियों और वित्तीय लेनदेन पर लगाए जाते हैं। ये कर सरकार को राजस्व जुटाने और आर्थिक असमानता को कम करने में मदद करते हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण करों का विवरण दिया गया है:
1. वस्तु सौदा कर (Commodity Transaction Tax – CTT)
विवरण:
- वस्तु सौदा कर वस्तुओं के लेनदेन पर लगाया जाता है, विशेषकर कमोडिटी एक्सचेंजों पर किए गए लेनदेन पर।
- यह कर वस्तुओं के व्यापार में पारदर्शिता और कर अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है।
उदाहरण:
- कृषि वस्त्रों, धातुओं और अन्य कमोडिटीज के व्यापार पर कर लगाया जाता है।
2. प्रतिभूति सौदा कर (Securities Transaction Tax – STT)
विवरण:
- प्रतिभूति सौदा कर शेयर बाजार में शेयरों, डेरिवेटिव्स, और अन्य प्रतिभूतियों के लेनदेन पर लगाया जाता है।
- इसका उद्देश्य शेयर बाजार में किए गए लेनदेन पर निगरानी रखना और कर अनुपालन सुनिश्चित करना है।
उदाहरण:
- स्टॉक एक्सचेंजों में शेयरों की खरीद और बिक्री पर STT लागू होता है।
3. पूंजी लाभ कर (Capital Gains Tax)
विवरण:
- पूंजी लाभ कर उन लाभों पर लगाया जाता है जो किसी संपत्ति, शेयर, या अन्य निवेश को बेचने पर प्राप्त होते हैं।
- यह कर दीर्घकालिक और अल्पकालिक पूंजी लाभ पर अलग-अलग दरों पर लगाया जाता है।
उदाहरण:
- संपत्ति, शेयर, म्यूचुअल फंड आदि की बिक्री से प्राप्त लाभ पर कर लागू होता है।
4. न्यूनतम वैकल्पिक कर (Minimum Alternate Tax – MAT)
विवरण:
- MAT उन कंपनियों पर लागू होता है जो अन्यथा विभिन्न कर छूटों और प्रोत्साहनों के कारण न्यूनतम कर का भुगतान करती हैं।
- इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लाभ अर्जित करने वाली कंपनियां न्यूनतम कर का भुगतान करें।
उदाहरण:
- बड़ी कंपनियों पर MAT लागू होता है जो सामान्य कर दर के अनुसार कम कर का भुगतान कर रही होती हैं।
5. निवेश भत्ता (Investment Allowance)
विवरण:
- निवेश भत्ता एक प्रकार की कर छूट है जो कंपनियों को उनके नए निवेश पर दी जाती है।
- इसका उद्देश्य निवेश को प्रोत्साहित करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
उदाहरण:
- कंपनियों द्वारा नई मशीनरी या उपकरणों में निवेश करने पर निवेश भत्ता दिया जाता है।
Leave a Reply