खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य किसानों से गेहूं और अन्य अनाज खरीदकर और उन्हें खुले बाजार में बेचकर उनके उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करना सुनिश्चित करना है।
यह योजना 2004 में शुरू की गई थी और इसका प्रबंधन भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा किया जाता है।
ओ एम एस एस के उद्देश्य:
- किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करना: ओएमएसएस का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करना सुनिश्चित करना है। यह योजना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं और अन्य अनाज की खरीद करके ऐसा करती है, जो सरकार द्वारा निर्धारित एक गारंटीड मूल्य है।
- बाजार में स्थिरता लाना: ओएमएसएस का एक अन्य उद्देश्य अनाज के बाजार में स्थिरता लाना है। जब कीमतें गिरती हैं, तो FCI बाजार से अनाज खरीदकर उन्हें बफर स्टॉक में जमा करता है। जब कीमतें बढ़ती हैं, तो FCI बफर स्टॉक से अनाज बेचकर कीमतों को नियंत्रित करता है।
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना: ओएमएसएस खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद करता है। यह योजना यह सुनिश्चित करती है कि देश में अनाज का पर्याप्त भंडार हो, ताकि जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से गरीबों को अनाज उपलब्ध कराया जा सके।
ओ एम एस एस के तहत कैसे काम करता है:
- खरीद: FCI हर साल किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं और अन्य अनाज की खरीद करता है। यह खरीद आमतौर पर सरकारी खरीद केंद्रों के माध्यम से की जाती है।
- भंडारण: FCI द्वारा खरीदे गए अनाज को बफर स्टॉक में जमा किया जाता है। इन बफर स्टॉक को देश भर के विभिन्न गोदामों में संग्रहीत किया जाता है।
- बिक्री: जब बाजार में अनाज की कीमतें बढ़ती हैं, तो FCI बफर स्टॉक से अनाज खुले बाजार में बेचता है। यह बिक्री कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने में मदद करती है।
ओ एम एस एस के लाभ:
- किसानों को बेहतर आय: ओएमएसएस ने किसानों को बेहतर आय प्राप्त करने में मदद की है। MSP पर खरीद की गारंटी ने किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद की है।
- बाजार में स्थिरता: ओएमएसएस ने अनाज के बाजार में स्थिरता लाने में मदद की है। इस योजना ने कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद की है।
- खाद्य सुरक्षा: ओएमएसएस ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद की है। इस योजना ने यह सुनिश्चित किया है कि देश में अनाज का पर्याप्त भंडार हो।
ओ एम एस एस की चुनौतियाँ:
- भंडारण की उच्च लागत: FCI को बफर स्टॉक को स्टोर करने और बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण लागत वहन करनी पड़ती है।
- भ्रष्टाचार का खतरा: ओएमएसएस में भ्रष्टाचार का खतरा हमेशा बना रहता है, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में धन का लेन-देन होता है।
Leave a Reply