नीति आयोग का एक्शन एजेंडा (NITI Aayog’s Action Agenda) भारत के समग्र और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास की योजनाओं का विस्तृत रोडमैप है। इस एजेंडा में निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं:
नीति आयोग के कार्य (Functions of NITI Aayog)
- नीति निर्माण और योजना तैयार करना: दीर्घकालिक और मध्यम अवधि की नीतियों का निर्माण।
- राज्य सरकारों के साथ सहयोग: राज्यों के विकास कार्यों में समर्थन और समन्वय।
- सभी क्षेत्रों में विकास की रणनीति तैयार करना: कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदि में समग्र विकास के लिए रणनीति।
- आर्थिक नीति का अध्ययन और अनुसंधान: भारत की आर्थिक नीतियों का मूल्यांकन और सुझाव।
मार्गदर्शक सिद्धांत (Guiding Principles)
- समावेशी विकास: सभी वर्गों के विकास को सुनिश्चित करना।
- सतत विकास: पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन।
- शासन में सुधार: पारदर्शिता, जवाबदेही, और प्रभावशीलता में सुधार।
- संगठित निर्णय लेने की प्रक्रिया: विभिन्न हितधारकों के साथ संवाद और समन्वय।
नीति आयोग की संरचना (Structure of NITI Aayog)
आयोग की प्रमुख संरचना (Key Structure)
- उच्च स्तरीय बोर्ड: प्रधानमंत्री अध्यक्ष के रूप में, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति विशेषज्ञ, और अन्य गणमान्य व्यक्ति।
- संगठनात्मक ढांचा: विभिन्न क्षेत्रीय और विषयगत समूहों के साथ विशेषज्ञों की टीम।
- विशेषज्ञ शाखाएं: अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, और तकनीकी विशेषज्ञ जो नीतियों पर काम करते हैं।
आयोग की विशेषज्ञ शाख (Expert Divisions)
- आर्थिक नीति और योजना: आर्थिक विश्लेषण, विकास मॉडल, और आर्थिक नीतियों का निर्माण।
- सामाजिक क्षेत्र: शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, और नागरिक सेवाओं में सुधार।
- सार्वजनिक प्रबंधन: सरकारी प्रक्रियाओं का सुधार, सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग, और प्रशासनिक दक्षता।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार: विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और नवाचार को बढ़ावा देना।
सुशासन का वाहक (Champion of Good Governance)
- सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग: डिजिटल सरकार, ई-गवर्नेंस, और नागरिक सेवा का डिजिटलीकरण।
- प्रणालीगत सुधार: प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण और प्रभावी कार्यप्रणाली।
हाल ही में हुए परिवर्तन (Recent Changes)
- नीति आयोग का गठन: 2015 में योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन।
- राज्य सरकारों के साथ समन्वय: राज्यों के साथ सहयोग और समन्वय में सुधार।
- संगठनों का पुनर्गठन: विभिन्न विभागों और आयोगों का पुनर्गठन।
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